बहरीन-भारतीय संबंधों के यादगार स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन

मनामा। बहरीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने की स्वर्ण जयंती के मौके पर 12 अक्टूबर को दोनों देशों में यादगार जश्न का आयोजन किया गया।

बहरीन और भारत के बीच आपसी सम्मान के प्रतीक के रूप में, प्रतिष्ठित बाब अल बहरीन की इमारत कल भारतीय तिरंगे के रंगों से जगमगा रही थी, तो नई दिल्ली में प्रतिष्ठित कुतुब मीनार बहरीन के झंडे के रंगों का प्रतिनिधित्व करते हुए लाल और सफेद रंगों में जगमगा रही थी।

स्वर्ण जयंती पर उत्सवों का यह आयोजन दोनों राष्ट्रों के आपसी संबंधों की दृष्टि से अपने आप में एक नई उपलब्धि है क्योंकि यह केवल भारत और बहरीन के बीच आधिकारिक राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने का प्रतीक भर नहीं, बल्कि सदियों तक चलने वाली मैत्री का भी परिचायक है।

कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में 'एशिया में बातचीत और विश्वास बहाली के उपायों' को लेकर आयोजित छठे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (सीआईसीए) से इतर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बहरीन के विदेश मंत्री डॉ अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल-जयानी के साथ आमने-सामने बैठक की। इस बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट किया- "हमारे राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ पर मेरे समकक्ष से मिलकर बहुत खुशी हो रही है।"

बहरीन साम्राज्य और भारत गणराज्य के बीच राजनयिक संबंधों की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए मंगलवार शाम मनामा के 'लिटिल इंडिया स्क्वायर' में सांस्कृतिक गतिविधियां शुरू की गईं। प्रकाश समारोह का आयोजन 1949 में बने मनामा सूक के मुख्य प्रवेश द्वार पर हुआ।

इस मौके पर बहरीन संस्कृति और पुरावशेष प्राधिकरण के अध्यक्ष शेखा माई बिन्त मोहम्मद अल खलीफा, विदेश मामलों के कांसुलर और प्रशासनिक मामलों के अवर सचिव तौफीक अल मंसूर और भारतीय राजदूत पीयूष श्रीवास्तव उपस्थित थे। इनके अलावा प्रमुख राजनयिकों, बहरीन और भारतीय समुदाय की सक्रिय हस्तियों और सांस्कृतिक मामलों में रुचि रखने वाले अन्य लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत की।

भारतीय राजदूत पीयूष श्रीवास्तव ने इस मौके पर कहा, "ये उत्सव हमारे गहरे सभ्यतागत संबंधों और बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग के परिचायक हैं। ये संबंध दोनों देशों के नेतृत्व की सोच, मार्गदर्शन और मजबूत प्रतिबद्धता के साथ वर्षों से मजबूत और विविधतापूर्ण हैं।" दूसरी ओर, विदेश मामलों के कांसुलर और प्रशासनिक मामलों के अवर सचिव तौफीक अल मंसूर ने बहरीन साम्राज्य और भारत गणराज्य के बीच मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों की गहराई पर जोर दिया।

भारत और बहरीन के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध हैं, जो सौहार्दपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों की विशेषता है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्यिक आदान-प्रदान का इतिहास लगभग 5,000 साल पुराना है। बहरीन में दिलमुन सभ्यता और भारत में सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं।

राजनयिक संबंधों की स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के तहत दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों को लेकर बहरीन राष्ट्रीय संग्रहालय में दो व्याख्यान का आयोजन, बहरीन संस्कृति और पुरावशेष प्राधिकरण द्वारा ‘लिटिल इंडिया’ में एक फोटोग्राफी दौरे के साथ-साथ आपसी बातचीत पर आधारित गतिविधियों का आयोजन तथा कला केंद्र में हैंड-ब्लॉक प्रिंटिंग कला पर दो कार्यशालाओं का आयोजन शामिल है।


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