प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कालेजों होने से सीटें बढ़ेंगी और गरीब माता-पिता के बच्चों के डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगाः नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में 64 हजार करोड़ रु. की ‘प्रधानमंत्री स्वस्थ भारत योजना’ एवं पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का शुभारंभ किया साथ ही 5,189 करोड़ रु0 लागत की 28 परियोजनाओं का लोकार्पण किया

(अखिलेश पाण्डेय , वरिष्ठ संवाददाता)                                                                               

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी में होने आगामी चुनाव देखते हुए 5189 करोड़ रूपए का बड़ा बजट दिया है। साथ ही उन्होने 64 हजार करोड़ रूपए के प्रधानमंत्री स्वस्थ भारत योजना का भी शुभारम्भ किया। 5189 करोड़ की 28 परियोजनाओं में बिहार, मध्य प्रदेश, कोलकाता सहित वाराणसी में विभिन्न जनपदों से आने वाले लोगों के सुगम यातायात के लिए सड़कों के निर्माण की भी व्यवस्था की गई है।इसके पूर्व प्रधानमंत्री ने सिद्धार्थनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश में नवनिर्मित 9 मेडिकल कालेजों का लोकार्पण भी किया। 

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को सम्बोधित किया। उन्होने कहा कि कोरोना की लड़ाई में जनता के सहयोग से देश ने 100 करोड़ टीकाकरण के पड़ाव को पूरा किया। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद और गंगा के अविरल प्रताप और काशी के अखंड विश्वास से सबको मुफ्त वैक्सीन लगवायी गयी। यूपी को 9 नए मेडिकल कालेज देने का अवसर मिला है। इससे पूर्वांचल और पूरे उत्तर प्रदेश के करोड़ों समाज के वर्गों को फायदा होगा। दूसरे शहरों के बड़े अस्पतालों के लिए भागदौड़ कम होगी। उन्होंने मानस में सोरठा का उदाहरण देते हुए कहा कि काशी में शिव शक्ति साक्षात निवास करते हैं वे ज्ञान काशी को कष्ट और क्लेश से मुक्त करते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी योजना के लिए काशी से बेहतर जगह और क्या हो सकती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए 64 हजार करोड़ रुपये से अधिक का काम काशी से लॉन्च करना बड़े सौभाग्य की बात है। 75 हजार करोड़ रुपये का कार्यक्रम जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि काशी की योजनाओं में महादेव का आशीर्वाद है। जहां महादेव का आशीष है वहां सफलता ही सफलता है। सड़क से घाट, गंगा जी, वरुणा की साफ-सफाई, पुल पार्किंग, बीएचयू की परियोजना त्योहारों के मौसम में जीवन को सुगम बनाने के लिए काशी के विकास पर्व और देश को, ऊर्जा और विश्वास देने वाला है। आजादी के बाद आरोग्य और स्वास्थ्य सुविधा पर ध्यान नहीं दिया गया। जितनी जरूरत थी, जिनकी लंबे समय तक सरकार रही, उन्होंने हेल्थ सेक्टर को विकास और सुविधाओं से वंचित रखा। गांव में अस्पताल नहीं थे, ब्लॉक में टेस्ट की सुविधा नहीं थी। जिला अस्पताल में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं था। बड़े अस्पताल में लंबा इंतजार होता था। मरीज और परिवार परेशान रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी। कई बार गरीब पर आर्थिक बोझ भी रहता था। हेल्थ केयर सिस्टम में कमी की वजह से गरीब और मिडल क्लास चिंतित रहता था। योजना इसी कमी को दूर करने का समाधान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी से निपटने में हम तैयार हों सक्षम हों, इसके लिए हेल्थ सिस्टम को तैयार किया जा रहा है, जिससे बीमारी पकड़ में आए, जांच में देरी न हो। हमारा लक्ष्य है कि गांव से ब्लॉक, जिला, रीजनल और नेशनल तक क्रिटिकल हेल्थ केयर मजबूत हो। हमारे नॉर्थ ईस्ट के राज्यों पर फोकस किया जा रहा है। मिशन के तीन पहलू हैं। डायग्नोस्टिक सिस्टम के तहत हेल्थ और वेलनेस सिस्टम के साथ बीमारी को फ्री में डिटेक्ट किया जाएगा। समय पर बीमारी पता चलेगी तो गंभीर होने की आशंका कम होगी। उसके इलाज के लिए 600 से अधिक जिलों में क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार किए जाएंगे। सवा सौ जिलों में रेफरल की सेवा, ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग तथा अस्पताल में सुविधा बढ़ेगी। सर्जरी से जुड़े नेटवर्क चौबीसों घंटे तैयार रहेंगेे। रोगों की जांच से जुड़ा टेस्टिंग नेटवर्क दूसरा बिंदु है। जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा। 730 जिलों में इंटीग्रेटेड सिस्टम डेवलप होगा। इस नेटवर्क को और सशक्त किया जाएगा। तीसरा पहलू रिसर्च संस्थानों को सशक्त बनाने का है। 80 बायो व रिसर्च लैब हैं, इनको और बेहतर किया जाएगा। ऐसी 15 लैब को सक्रिय किया जाएगा। 4 नए वायरोलॉजी लैब बनेगी। एक राष्ट्रीय संस्थान भी बनेगा। इसके माध्यम से देश के कोने-कोने में इलाज से लेकर ईको सिस्टम विकसित किया जाएगा। दशकों पहले यह होना था, लेकिन हाल क्या है उसका वर्णन करने की जरूरत नहीं है।

पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगाः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी को 64 हजार करोड़ रुपये की परियोजना देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश में 36 जनपद ऐसे थे, जहां आईसीयू नहीं था। कोविड जांच की सुविधा नहीं थी। उस समय प्रधानमंत्री के निर्देशन में पीएम केयर से जो मदद मिली, उससे उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में आईसीयू बना। 60 लैब में कोविड जांच शुरू हुई। उत्तर प्रदेश में हर दिन 4 लाख कोविड टेस्ट संभव हुए। उन्होंने भारत में कोरोना के खतरे से बचाव और ऑक्सीजन प्लाण्ट की स्थापना को उपलब्धि बताया। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भारत और उत्तर प्रदेश के लिए अमृत के समान है। हमें स्वास्थ्य क्षेत्र को और मजबूत करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि काशी के प्रति प्रधानमंत्री की आत्मीयता और धरोहर का संरक्षण करने के प्रयास से लोग अवगत हैं। काशी से जुड़ी परियोजनाओं से व्यापक स्तर पर जीवन और बेहतर होगा। इसमें सभी परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत और बिहार के लोग भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि विश्व क्षितिज के सामने काशी का विकास स्थापित हुआ है। पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा।


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