गंगा तट पर गायत्री परिजनों ने किया दीपदान

 गंगा में बासी फूल, साबुन-शैंपू, प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां न करें विसर्जित, पूजा सामग्री का कूड़ा  न डालने की अपील
रसायनिक खादों और कीटनाशक का न करें प्रयोग, पॉलीथीन, मृत पशु, शव और अधजले शवों को गंगा में न करने की अपील 


बदायूं। अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में रूहेलखंड के सुप्रसिद्ध मिनी कुंभ मेला ककोड़ा के तटीय क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और सूक्ष्म जगत के परिशोधन के लिए दीपदान किया गया एवं मां भागीरथी को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया। मां गंगा का पूजन कर भव्य आरती की गयी। 

गायत्री परिवार के सदस्य संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि जिस देश में सत्य सिद्ध करने के लिए गंगा की सौगंध ली जाती हो। ऐसी पवित्रता मां गंगा में है। भागीरथ ने कठोर तप कर मां गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाए। मोक्षदायिनी मां गंगा पापों का नाश कर सभी का सदियों से उद्धार करती आ रहीं हैं। मां गंगा की निर्मल धारा में जल नहीं, अमृत प्रवाहित होता है। गंगा में बासी फूल, साबुन-शैंपू, प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों का विसर्जन न करें। कूड़ा करकट को भूविसर्जित करें।

निर्मल गंगा जन अभियान के सुखपाल शर्मा ने कहा कि मां गंगा अपना कर्त्तव्य निभा रही है। हम पुत्र जैसा प्यार पाकर भी मां का आदर और सम्मान करना भूल गए। नगरों का मैला, उद्योगों का कचरा, नालों का पानी बहाकर असभ्य न बनें। तटीय खेतों में रसायनिक खाद और कीटनाशक का प्रयोग न करें, पॉलीथीन, मृत पशु, शव और अधजले शवों को गंगा में प्रवाहित न करें। तटों को संुदर बनाएं और सघन पौधारोपण करें। 

राजवीर यादव ने कहा कि भारत को अपने आंचल में समेट गंगा जन-जन में देवत्व, घर-घर में संस्कृति, तट-तट पर पवित्रता और श्री-समृद्धि बिखेरती हुई सागर का गौरव प्रदान करती है। इस मौके पर हेमंत, मृत्युंजय, सौम्या, भूमि आदि मौजूद रहीं।

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