भाषा विश्वविद्यालय में ‘‘अंडरस्टैंडिंग दी पावर ऑफ़ डिजिटल टेक्नोलॉजी‘’ विषय पर वेबिनार का आयोजन
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी में प्रयोग होने वाले बाइनरी डिजिट को हम ऑन ऑफ़ स्विच की भाँति मान सकते हैं। उन्होंने कहानी के माध्यम से विद्यार्थियों को बिट और बाइट का अंतर समझाया एवं उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को कोडिंग के विषय में भी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को फ़ोटो, ऑडियो एवं विडियो को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने की बारीकियां बतायी।
कुलपति प्रो शुक्ल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि यह दौर ग्लोबलाइजेशन, प्राइवेटाइज़ेशन एवं डिजिटाइजे़शन का है। उन्होंने कहा कि बीसवीं शताब्दी नॉलेज जेनरेशन की शताब्दी थी एवं इक्कीसवीं शताब्दी डेटा माइनिंग की शताब्दी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि डिजिटल तकनीकों का प्रयोग ज्ञान को संकलित करने एवं उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम कि समन्वयक डॉ तनु डंग, सहायक आचार्य पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने एक कार्यक्रम का संचालन किया एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजक डॉ रूचिता सुजॉय चौधरी ने दिया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
23 अक्टूबर 2021 को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित वेबिनार जो 'Understanding the power of Digital Technology'विषय पर था, वह बहुत ही सारगर्भित और तथ्यपरक था। व्याख्याता श्री आर.के. सिंह ने तकनीकी विषय वस्तु को इतनी सहजता से explain किया कि उसे तकनीकी और ग़ैर तकनीकी दोनों ही तरह के लोग बड़ी आसानी से समझ सकते थे। सम्पूर्ण व्याख्यान बहुत ही रोचक था।
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