बाबा ए उर्दू मौलवी अब्दुल हक की अदबी खिदमत विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार और एच जी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘बाबा ए उर्दू मौलवी अब्दुल हक की अदबी खिदमत‘ विषय पर वारसिया गर्ल्स इंटर कॉलेज विशाल खण्ड चार गोमतीनगर लखनऊ में एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन मरियम सिद्दीकी की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मुहम्मद मेराज अहमद मीडिया रिसर्च स्कॉलर और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ शैलेश कुमार पांडेय शिक्षाविद उपस्थित रहे। 

संस्था की सदस्य ओजस्वी त्रिपाठी ने स्वागत गीत गा कर अतिथियों का स्वागत किया। सेमिनार की शुरुआत मोहम्मद सुमैर ने तिलावत से की। मकाला पेश करते हुए गजाला तब्बसुम व मौलाना मोहम्मद अफजाल ने कहा कि बाबा ए उर्दू हक ने उर्दू के बेहतरी के लिये जो काम किया है उसे कभी भुलाया नही जा सकता मौलवी अब्दुल हक की सेवाएं नई नस्ल के लिए एक नई राह है। मकाला पेश करते हुए लक्ष्मी हजेला, डॉ मुफीद, संजीव त्रिपाठी ने मौलवी को उर्दू भाषा की बेहरतीन शख्सियत करार दिया और कहा कि मौलवी हक 16 नवम्बर 1872 में उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में पैदा हुए और अपने जीवन की आखरी साँस 16 अगस्त 1961 कराची  (पाकिस्तान) में लिया। आज भी हिंदुस्तान उनकी सेवाओं को याद करता है।

मकाला पेश करते हुए मौलवी अब्दुल रसीद ने एच जी फाउंडेशन को बधाई दी और कहा कि गंगा जमुनी तहजीब का काम संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अमित त्रिपाठी ने अंजाम दिया। इस कार्यक्रम में कर्मावती पाल मेमोरियल सोसायटी के सचिव अरुण पाल, वरिष्ठ समाजसेवी केशव चन्द्र पांडेय, सर्वेश कुमार, अरुलम हुसैन, मुकेश गौतम, एमएचयू अंसारी, जितेंद्र पांडेय, आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन में संस्था अध्यक्ष अमित त्रिपाठी ने उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया।

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