सदनों की कार्यवाही की गुणवत्ता बढ़ाये जाने के लिए हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक का आयोजन

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। सदनों की कार्यवाही में बाधा दूर करने व संवाद की गुणवत्ता बढ़ाये जाने के सम्बंध में उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने समिति की संस्तुति को अंतिम रूप देने के लिए विभिन्न विधान सभाओं के अध्यक्षों की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया।

वर्चुअल बैठक करते हृदय नारायण दीक्षित

बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुये हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि देश के सदनों में होने वाले व्यवधानों की समस्या पर विचार व्यक्त करते हुये संसदीय व्यवधानों को रोकने हेतु 20 अगस्त, 2019 को लोकसभा में सम्पन्न पीठासीन अधिकारियों की बैठक में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति में रेबाती मोहन दास अध्यक्ष त्रिपुरा विधान सभा, पी. धनपाल अध्यक्ष तमिलनाडु विधान सभा, राणा केपी सिंह अध्यक्ष पंजाब विधान सभा, एनपी प्रजापति अध्यक्ष मध्य प्रदेश विधान सभा, राजेन्द्र सूर्य प्रसाद त्रिवेदी एवं चरणदास महन्त अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधान सभा को सदस्य नामित किया था और इस समिति का मुझे अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। श्री दीक्षित ने कहा कि उक्त समिति की 29 नवम्बर, 2019 व 29 मई, 2020 की बैठकें पूर्व में हो चुकी है। उक्त बैठक में सम्बन्धित विधान सभाआों के अध्यक्ष ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। उनके द्वारा व्यक्त किये गये विचारों को समाहित करते हुए समिति द्वारा 9 बिन्दुओं पर संस्तुति की गयी।

श्री दीक्षित ने कहा कि समिति की संस्तुतियों में मुख्य रूप से सदन में बैठकों की न्यूनतम संख्या के प्रावधान पर विचार किया जाय। सदन की न्यूनतम बैठकों के सम्बंध में एक व्यापक नियम बनाया जाए। आवश्यक हो तो संविधान के अनुच्छेद 174 में आवश्यक संशोधन पर विचार किया जाए। सदन की कार्यवाही में भाग लेने वाले सदस्य का पार्टी लाइन का पालन करते हैं। वह राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के इशारे पर अपनी कार्यविधि का सदन में संचालन करते हैं। इससे अवरोध उत्पन्न होता है। इस सम्बंध में राजनीतिक दलों को विधायिका में अपने सदस्यों को अनुशासन के न्यूनतम मानकों को सुनिश्चित करने की सलाह दी जा सकती है। भारत के चुनाव आयोग को भी इस सम्बंध में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को एक सलाह जारी करने के तरीकों और साधनों पर विचार करने के लिए सलाह दिये जाने पर भी विचार किया जाय।

उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल की शुचिता बनाए रखने पर सभी पीठासीन अधिकारियों द्वारा विशेष रूप से बल दिया गया है। विचार-विमर्श के दौरान यह महसूस किया गया कि विधानमंडल की संवैधानिक गरिमा बनाए रखने और नए सदस्यों को गहन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। पूर्व विधान सभा के अध्यक्षों व संसदीय व्यवस्था से जुड़े विशिष्ट लोगों को भी योगदान लिया ला सकता है। मीडिया एवं शोसल मीडिया की भूमिका के बारे में भी गंभीरतापूर्वक विचार किया गया है और समिति ने यह महसूस किया कि मीडिया विधान सभा के गंभीर एवं सार्थक विषयों को प्रकाशन में स्थान न देकर व्यवधान करने वाली   घटनाओं को विशेष स्थान दिया जाता है। इस सम्बंध में प्रिंट मीडिया के लिए भारतीय प्रेस परिषद ऑल इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन से विचार-विमर्श एक आदर्श आचार संहिता बनाए जाने में आवश्यक प्रावधान किया जा सकता है।

विधान सभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण के बारे में भी विचार-विमर्श कर निर्णय लिया गया कि इससे भी व्यवधानों में रूकावट हो सकेगी। जनता अपने जन प्रतिनिधियों के कार्य एवं आचरण के आधार पर अपनी धारणा निर्धारित कर सकेगी। समिति के सदस्यों द्वारा इस बात पर भी सुझाव दिया गया कि प्रतिदिन के उपवेशन के अन्त में 30-35 मिनट का समय निर्धारित किया जाए जिसमें सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को सदन में प्रस्तुत कर सके। सदन के भीतर गरिमापूर्ण आचरण करने वाले सदस्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ सदस्यों को पुरस्कार देने का भी विचार कर निर्णय लिया गया। पीठासीन अधिकारियों को विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों से परामर्श देने के लिए विशेष सत्र और संगोष्ठी की व्यवस्था पर भी विचार कर निर्णय लिया गया।

अध्यक्ष ने कहा कि आज बैठक म़ें समिति के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से समिति के द्वारा प्रस्तुत किए गए 9 सूत्रीय सुझावों पर अपनी सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह संस्तुति लोकसभा अध्यक्ष को यथाशीघ्र प्रेषित की जाएगी। इसे आगे होने वाले पीठासीन अधिकारियों को समिति में रखा जाएगा और उस पर सम्यक विचार करते हुये सदन की कार्यवाही में व्यवधान को रोकने हेतु समुचित कार्यवाही करने पर सहमति बन जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव, विधान सभा प्रदीप कुमार दुबे उपस्थित रहे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही