तनाव मुक्त परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए पीपीसी को एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यक्ता हैः आरपी सरोज

  • प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा का 5वां संस्करण 1 अप्रैल को आयोजित होगा 
  • कोविड-19 महामारी से उबरने के लिये ज़रुरी है परीक्षा पे चर्चाः मनोज वर्मा
  • परीक्षा पे चर्चा छात्रों के मन की बातः डॉ एमएस यादव

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली अप्रैल 2022 को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के पांचवें संस्करण के दौरान दुनियाभर के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत करेंगे। लगभग 15.7 लाख प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण कराया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक अनूठे संवाद कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा की संकल्पना की जिसमें देश के साथ साथ विदेशों से भी छात्र, अभिभावक, शिक्षक परीक्षा की वजह से होने वाले तनाव को दूर करने और जीवन को उत्सव की तरह जीने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए उनके साथ बातचीत करते हैं।

‘परीक्षा पे चर्चा’ में व्यापक पैमाने भाग लेने के उद्देश्य से पत्र सूचना कार्यालय और क्षेत्रीय लोकसंपर्क ब्यूरो उतर प्रदेश द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस पीआईबी के एडीजी आरपी सरोज ने केंद्रीय भवन लखनऊ में पत्रकारों, विद्दार्थियों और अभिभावकों से बातचीत के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि परीक्षा पे चर्चा युवाओं के लिए तनाव मुक्त माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़े आंदोलन एग्जाम वॉरियर्स का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा आंदोलन है जो छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और समाज को एक साथ लाने के लिए प्रधानमंत्री की कोशिशों से प्रेरित है। इसका उद्देश्य एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना है जहां प्रत्येक बच्चे के अद्वितीय व्यक्तित्व को पूरी तरह फलने-फूलने का मौका मिले। 

क्षेत्रीय लोकसंपर्क ब्यूरो उतर प्रदेश के संयुक्त निदेशक मनोज वर्मा ने देश के कोविड-19 महामारी से उबरने और परीक्षाओं के ऑफलाइन मोड में जाने के मद्देनजर इस वर्ष के पीपीसी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि पीपीसी एक औपचारिक संस्था बन रही है जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री सीधे छात्रों से बातचीत करते हैं। उन्होंने बताया कि देश भर के चुनिंदा छात्र राज्य के राज्यपालों की मौजूदगी में कार्यक्रम देखने के लिए राजभवनों को भी जाकर देखेंगे। 

पीआईबी के उपनिदेशक डॉ एमएस यादव ने पत्रकारों, अभिभावको और विद्दार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि देश भर की राज्य सरकारें भी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगी। उन्होंने कहा कि पीपीसी को न केवल पूरे भारत में, बल्कि अन्य देशों में भी भारतीय प्रवासियों तक पहुंचाया जाएगा।


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