उद्यमिता कार्यशाला के पांचवें दिन व्यापार और स्टार्टअप के बीच के अंतर के बारे में की गई चर्चा

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। भाषा विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में संचालित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तत्वाधान में चल रही सात दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला ”अपना खुद का व्यवसाय बनाएं“ के पाँचवें दिन के प्रथम तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता प्रो रंजीत सिंह, IIT इलाहाबाद ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत योजना देश के लिए लाभदायक है और इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थानों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे है। उन्होंने अपनी चर्चा में यह भी कहा कि उद्यमी न केवल खुद को बल्कि पूरे राष्ट्र को समृद्ध बनाता है।

कार्यशाला के दूसरे तकनीकी सत्र में सुशांक अरोरा उद्यमी एवं संस्थापक ब्रांड नायरा कानपुर ने व्यापार और स्टार्टअप के बीच का अंतर समझाते हुए उद्यमी के सामने आने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने एंजल फंड एवं वेंचर कैपिटल की जानकारी देते हुए कहा कि एक उद्यमी को उसी क्षेत्र में कार्य करना चाहिए जो उसकी पसंद का हो। साथ ही उन्होंने बताया कि उद्यमी रिस्क टेकर एवं प्रॉब्लम सॉल्वर होते हैं एवं देश को इनकी बहुत ज़रूरत है। 

कार्यक्रम में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सहायक आचार्य डॉ तनु डंग ने भी विद्यार्थियों से अपने विचार साझा किए। उन्होंने विद्यार्थियों को USP का महत्व बताते हुए कहा कि किसी भी क्षेत्र में अपना व्यवसाय आरंभ करने से पहले विद्यार्थियों को उस क्षेत्र में इंटर्नशिप करनी चाहिए जिससे वह उस उद्योग को समझ सकें।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम के सह समन्वयक डॉ नीरज शुक्ल ने किया। अंत में विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रो एहतेशाम अहमद ने आभार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें अपनी पर्सनालिटी एवं पिचिंग स्किल्स पर भी लगातार काम करना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ ज़ैबुन निसा, डॉ मनीष कुमार, आफरीन फातिमा एवं अनुभव तिवारी, ने विशेष सहयोग दिया।


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