आजादी के अमृत महोत्सवः एमिटी विश्वविद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का आयोजन

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों के संघर्ष, त्याग और उनकी वीरता की अनसुनी गाथाओं को दर्शाने वाले पेंटिंगस् की तीन दिवसीय प्रदर्शनी का एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर में उद्घाटन किया गया। इन पेंटिंग को एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स और राज्य ललित कला अकादमी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक चित्रकला प्रतियोगिता ‘जरा याद करो कुर्बानी’ के लिए देश भर के प्रतिभावान चित्रकारों ने भेजा था। चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंर्तगत किया गया। प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में चित्रकला प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण भी किया गया।

उद्घाटन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीताराम कश्यप अध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी और यशवंत सिंह राठौर सचिव राज्य ललित कला अकादमी के साथ-साथ डॉ सुनील धनेश्वर प्रो वाइस चांसलर एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, विंग कमांडर (डॉ) अनिल कुमार सहायक प्रो वीसी एमिटी लखनऊ, प्रोफ़ेसर पूजा वर्मा डायरेक्टर एमिटी स्कूल ऑफ़ फाइन आर्ट्स और प्रो. मंजू अग्रवाल डीन स्टूडेंट वेलफेयर एमिटी लखनऊ ने दीप प्रज्वलित कर कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सीताराम कश्यप ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हजारों वीर आज भी गुमनाम हैं। वो संघर्ष के अनसंग हीरोज हैं जिनकी स्मृति में इस प्रतियोगिता और प्रदर्शनीं का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा चाहे वो चौरी चौरा की घटना हो या काकोरी कांड हो इन सभी मौकों के पीछे कई गुमनाम वीर रहे जिनके बारे में हमें नहीं मालूम और उन्हीं शहीदों के बलिदानों का प्रतिफल है कि हम आज स्वतंत्र राष्ट्रª के नागरिक हैं। सीताराम कश्यप ने कहा कि निकट भविष्य में राज्य ललित कला अकादमी एमिटी लखनऊ के सहयोग से और अधिक कला शिविर और कार्यशालाएं आयोजित करेगा।

यशवंत सिंह राठौर, सचिव राज्य ललित कला अकादमी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि एमिटी विवि में कलाकर्म के लिए बहुत ही अच्छा और सकारात्मक वातावरण है। आज की युवा पीढ़ी को अपने पूर्वजों के त्याग और बलिदान का इतिहास जानना चाहिए। आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का संदेश भी यही है।

प्रो वीसी डॉ सुनील धनेश्वर ने कहा कि समय के साथ साथ हम पश्चिमी सभ्यता का अनुसरण करने लगे हैं जहां किसी भी विषय को याद करने का एक दिन है और उसके बाद 364 दिन उसे भूल जाते हैं। परन्तु हम भारतीय जीवन के महान पलों को हर क्षण याद रखते हैं इसी लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2023 तक प्रतिदिन आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का कार्यक्रम आरम्भ किया है। इसके जरिए देश के प्रत्येक नागरिक तक स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास पहुंचेगा।

विंग कमांडर (डॉ) अनिल कुमार ने कहा कि, आज भारत अनेक व्यवधानों के बाद भी विश्वशक्ति बनके उभरा है तो इसके पीछे उन लाखों वीरों का बलिदान है जिनके कारण हम आजाद हुए और यहां तक पहुंचे। 

प्रतियोगिता में डिजिटल श्रेणी का पहला पुरस्कार आयुषी सिंह ने जीता, दूसरा पुरस्कार शचीश्री को और तीसरा पुरस्कार संकेत गुप्ता को मिला। सभी एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स के छात्र हैं। ‘ऑन द स्पॉट’ श्रेणी का पहला पुरस्कार टेक्नो ग्रुप ऑफ हायर एजुकेशन की प्रतिभा सिंह ने जीता, दूसरा एमिटी की पल्लवी कश्यप ने और तीसरा टीजीएचएस लखनऊ की मृदुला मल ने जीता। कैटेगरी क्रिएटिव डिस्प्ले में पहला पुरस्कार एमिटी के नीलेश कुमार चौहान ने, दूसरा शिवानी ने और तीसरा अंजलि शर्मा ने जीता। सांत्वना पुरस्कार भी बांटे गए। प्रतियोगिता में प्रदेश के 100 से भी अधिक कलाकारों के अलावा, एमिटी स्कूल ऑफ़ फाइन आर्ट्स के पेंटिंग छात्रों ने भाग लिया और स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि दी।

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