एकेटीयूः ‘‘आरम्भ‘‘ द जर्नी ऑफ ए न्यू बिगिनिंग विषय पर कार्यशाला का आयोजन

  •  स्टार्टअप कल्चर के लिए हैण्ड होल्डिंग की जरुरत हैः आलोक कुमार
  • समुदायों को बदलने, रोजगार विकसित करने के लिए उद्यमिता विकास आवश्यकः प्रो पीके मिश्रा

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो पीके मिश्रा के नेतृत्व में आज हब एंड स्पोक मॉडल पर स्टार्टअप मेंटर्स और स्टेकहोल्डर्स के साथ ‘‘आरम्भ‘‘ द जर्नी ऑफ ए न्यू बिगिनिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आलोक कुमार सचिव प्राविधिक शिक्षा उत्तर प्रदेश, डॉ एसपी मिश्रा संस्थापक कुलपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार, प्रफुल मिश्रा संस्थापक ओई मीडिया जापान, व्यास संस्थापक रूट वेंचर्स सहित तमाम सभ्रांत व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया।  इस अवसर पर प्रो संदीप तिवारी प्रभारी इनोवेशन हब और निदेशक आरईसी अम्बेडकर नगर ने इनोवेशन हब के रोडमैप से सम्बन्धित एक प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा इन्क्यूबेशन, इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए संचालित की जा रही योजनाओं के बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप परिक्रमा, इनोवेशन गैलरी, केप्टेक और ओडीओपी हैकाथन आयोजित की जा रही हैं। 

कुलपति प्रो पीके मिश्रा ने कार्यशाला में सभी का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों से स्टार्टअप्स और नवाचार के माध्यम से उद्यमिता विकास में सहयोग के लिए आवाहन किया। प्रो मिश्रा ने कहा कि समाज राष्ट्र की आत्मा है। पृथ्वी, वायु और जल मानवीय आवश्यकताएं हैं। राज्यों के सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों में प्रौद्योगिकी, विज्ञान और स्थिरता की सहायता से जीवन को बेहतर बनाने का कार्य किया जा सकता है। समुदायों को बदलने, रोजगार विकसित करने के लिए उद्यमिता विकास आवश्यक है। विश्वविद्यालय हब और स्कोप मोडल से स्टार्टअप कल्चर विकसित करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।

प्राविधिक शिक्षा सचिव आलोक कुमार ने विश्वविद्यालय के समस्त शासकीय संस्थानों में इनक्यूबेशन केंद्र 15 अप्रैल 2022 तक पंजीकृत करने की प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश देते हुए कहा कि स्टार्टअप कल्चर विकसित करने के लिए वृहद प्रयास किये जायेंगे।  उन्होंने कहा कि आज से 20-30 साल पहले इंजीनियरिंग का विद्यार्थी सिर्फ जॉब ओरिएंटेड होता था किन्तु आज वह स्टार्टअप और स्वरोजगार के लिए सोच रहा है और प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप कल्चर के लिए हैण्ड होल्डिंग की जरुरत है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की मेंटरशिप के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जायेगा।

प्रथम पैनल में अभिषेक तिवारी, वरिष्ठ सलाहकार स्टार्टअप पीएमयू यूपीएलसी, प्रो प्रकाश सिंह अध्यक्ष डॉक्टरेट कार्यक्रम आईआईएम लखनऊ, नवीन झा चेवेनिंग गुरुकुल फेलो (ऑक्सफोर्ड) पूर्व सीईओ देशपांडे फाउंडेशन और अजय सुमन शुक्ला निदेशक एक सोच फाउंडेशन ने एक पैनल चर्चा में ‘उत्तर प्रदेश में एक स्वस्थ स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए पहलू और रणनीति‘ पर चर्चा की। चर्चा में प्रमुख पहलुओं में बुनियादी ढांचे और वित्त पोषण के लिए विद्यार्थियों को जागरुक करना था। 

द्वितीय पैनल में ‘अनुभव से सीखना‘ उद्यमी क्षेत्र-संस्थापकों से विचार नेताओं तक पर रहा। जिसमें डॉ एसपी मिश्रा संस्थापक कुलपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार,  प्रफुल मिश्रा, संस्थापक, ओई मीडिया; गौरव केडिया, चेयरमैन इंडिया बायोगैस एसोसिएशन,  वैभव सक्सेना, सह-संस्थापक जापान व्यास, संस्थापक, रूट वेंचर्स ने हिस्सा लिया। 

इस पैनल चर्चा में स्टार्टअप्स के लिए संस्कृति का निर्माण पर चर्चा की गयी। चर्चा में विद्यार्थियों को नए विचारों के साथ प्रयोग करने और सामाजिक चेतना लाने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। साथ ही एक सत्र को डॉ. मोहित गंभीर द्वारा सम्बोधित किया गया। डॉ गंभीर ने स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और शिक्षा मंत्रालय द्वारा की गई पहलों को साझा किया।

कार्यशाला में विवि के वित्त अधिकारी जीपी सिंह, आरईसी बाँदा के निदेशक प्रो एसपी शुक्ला, आरईसी सोनभद्र के निदेशक प्रो जीएस तोमर, डीन, शिक्षक, और सैकड़ों विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। विवि के कुलसचिव नंद लाल सिंह ने सभी को धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ अनुज शर्मा, महीप सिंह, वंदना शर्मा और रितेश ने किया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही