भारत और सिंगापुर के सुदृढ़ सम्बन्ध: मुख्यमंत्री

 सिंगापुर और भारत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मध्य सम्बन्धों को और प्रगाढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री एवं सिंगापुर के उच्चायुक्त के मध्य विचार-विमर्श

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आज यहां उनके सरकारी आवास पर सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वॉन्ग वी कुएन ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर सिंगापुर और भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मध्य सम्बन्धों को और प्रगाढ़ करने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर के सुदृढ़ सम्बन्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 में सिंगापुर की यात्रा की थी। इस अवसर पर दोनों देशों के मध्य अनेक समझौते हुए थे। राज्य सरकार इसके अनुरूप प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में व्यापार, उद्यम स्थापना और पूंजी निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। यह देश का सबसे बड़ा बाजार है। यहां की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में विकास के लिए अनुकूल वातावरण है। आलू, दूध, गन्ना, फल आदि के उत्पादन में राज्य का देश में प्रथम स्थान है। प्रदेश सरकार इनका मूल्य संवर्धन कर किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयत्नशील है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कनेक्टिविटी का निरन्तर विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। वर्तमान में 02 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं। इनके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। शीघ्र ही यह लोकार्पित होंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी निर्माणाधीन है। राज्य सरकार ने गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का भी निर्णय लिया है, जो भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे में से एक होगा। शीघ्र इस परियोजना का शिलान्यास किया जाएगा। लखनऊ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा गाजियाबाद में मेट्रो रेल परिवहन उपलब्ध है। कानपुर व आगरा मेट्रो रेल परियोजनाएं इस वर्ष के अन्त तक संचालित हो जाएंगी। वाराणसी से हल्दिया के बीच देश का पहला राष्ट्रीय जलमार्ग क्रियाशील है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं। जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट एवं अयोध्या में बनने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 05 हो जाएगी। इन सब के दृष्टिगत सिंगापुर और उत्तर प्रदेश परस्पर कई क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं। प्रदेश में पूंजी निवेश, वाणिज्य और व्यापार हेतु सिंगापुर के लिए कई सम्भावनाएं हैं।

सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वॉन्ग वी कुएन ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने प्रदेश की इस विकास यात्रा को नजदीक से देखा है। सिंगापुर, उत्तर प्रदेश के विकास में सहभागी बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत में सिंगापुर लार्जेस्ट फॉरेन इन्वेस्टर के रूप में कार्य कर रहा है। उच्चायुक्त ने कहा कि डेटा सेण्टर पार्क, फ्रेट कॉरिडोर, जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास से उत्तर प्रदेश एक लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित होगा। डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में भी सिंगापुर की कम्पनियों के लिए निवेश के अच्छे अवसर हैं। कौशल विकास के क्षेत्र में भी सिंगापुर, उत्तर प्रदेश को सहयोग प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर वायु सेवा का इण्टरनेशनल हब है। इस सुविधा का लाभ उठाकर प्रदेश में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है।


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