‘राष्ट्रीय पोषण माह‘ समाज के सशक्तीकरण का महाअभियानः 24 जनपदों में नवनिर्मित 529 आंगनवाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण

 नवचयनित 91 बाल विकास परियोजना अधिकारियों को नियुक्ति-पत्र वितरित किया गया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोक भवन में ‘राष्ट्रीय पोषण माह 2021’ का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में राज्यपाल  एवं मुख्यमंत्री ने गोद भराई कार्ड ‘शगुन’ तथा आईसीडीएस विभाग के मैस्कॉट ‘आँचल’ का विमोचन किया। उन्होने 05 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की तथा 10 बच्चों को उपहार स्वरूप फलों की टोकरी वितरित की।

साथ ही राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के 24 जनपदों में लगभग 4,142 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित 529 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों, मुख्य सेविकाओं एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र तथा उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा नवचयनित 91 बाल विकास परियोजना अधिकारियों को नियुक्ति-पत्र वितरित किया गया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश व प्रदेश को सशक्त, सक्षम एवं समृद्ध बनाने के लिए महिलाओं, बालिकाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के पोषण के लिए उल्लेखनीय प्रयास किया गया है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के प्रभावी संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण दूर करने सम्बन्धी कार्यक्रमों के परिणामों का अध्ययन कराकर उन्हें और बेहतर बनाया जा सकता है। कुपोषण से छुटकारा दिलाने में जनसहभागिता की उपयोगी भूमिका है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश को समर्थ और सशक्त राष्ट्र के रूप में विकसित करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए महिलाओं एवं बच्चों का पोषण आवश्यक है। इसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2018 से देश में प्रतिवर्ष सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाये जाने का कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। आज चौथे राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारम्भ किया जा रहा है। प्रधानमंत्री की मंशा है कि प्रत्येक माता एवं बच्चा स्वस्थ व सुपोषित हो। राष्ट्रीय पोषण माह के प्रभावी ढंग से संचालन तथा समाज के अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए कार्यक्रम में जनसहभागिता आवश्यक है।

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