वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्यक्ष कर भवन का लोकार्पण किया

 प्रधानमंत्री की विभिन्न नितियों के चलते भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसरः मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ

आयकर संबंधी समस्याओं का त्वरित निराकरण होगाः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आज नवनिर्मित प्रत्यक्ष कर भवन का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में भारत सरकार में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक, केन्द्रीय राजस्व सचिव तरुण बजाज, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोड के चेयरमैन जेबी महापात्रा, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन अजीत कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ ।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी विभिन्न नीतियों से देश विश्व में उच्चता की ओर अग्रसर हो रहा है तथा भारत के विश्व गुरु बनने की कल्पना सच साबित हो रही है। इन्हीं नीतियों में आर्थिक गतिविधियों की वजह से देश विश्व में छठी बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की आयकर विभाग में पहचान विहीन पद्धति द्वारा पारदर्शिता नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि आयकर दाताओं को बिना कार्यालय गए हुए कार्यों के संपादन एवं निष्पादन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस पहचान विहीन पद्धति से आयकर दाताओं को काफी सहूलियत हो रही है। प्रत्यक्ष कर भवन में स्थापित आयकर सेवा केंद्र के विषय में वित्त मंत्री ने कहा कि इससे आयकर दाताओं को अच्छी सेवा मिलेगी, उनकी विभिन्न आयकर संबंधी समस्याओं का त्वरित निराकरण होगा। वित्त मंत्री ने ‘विवाद से विश्वास तक‘ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे लंबित मुकदमेबाजी में काफी राहत प्राप्त हुई है तथा आयकर दाताओं ने इस योजना का भरपूर लाभ उठाया है। वित्त मंत्री ने ‘ईमानदारी का सम्मान‘ संकल्पना पर आधारित करदाताओं के लिए नागरिक चार्टर लागू किए जाने का उल्लेख भी किया।

वर्ष 2017 में नए प्रत्यक्ष कर भवन का निर्माण प्रारंभ हुआ। इस भवन का निर्माण 68,486 वर्ग फीट जमीन पर किया गया तथा इस भवन की लागत 85.40 करोड़ की आई है। यह सात मंजिला भवन है जिसमें कुल निर्मित क्षेत्र 130000 वर्ग फिट है। इस भवन में 150 अधिकारियों एवं 350 कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था है। इसमें ऊर्जा संचयन एवं जल संरक्षण के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया गया है। इस भवन में हरित भवन की सभी विशेषताएं समाहित है। अब प्रत्यक्ष कर भवन के निर्मित हो जाने से सभी कार्यालय केवल दो कार्यालयों में स्थापित हो जाएंगे, जिससे अच्छी समन्वयता से कार्यों का निष्पादन हो सकेगा । 


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