प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में आयोजित 56वें पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक सम्मेलन को संबोधित किया

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में आयोजित 56वें पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक सम्मेलन समापन सत्र में भाग लेकर सम्मेलन को संबोधित किया।

सम्मेलन में कारागार सुधार, आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, नारकोटिक्स ट्रैफ़िकिंग, NGOs की विदेशी फंडिंग, ड्रोन संबंधी मुद्दे, सीमावर्ती गांवों का विकास इत्यादि जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों के मुख्य पहलुओं पर चर्चा के लिए पुलिस महानिदेशकों के अनेक कोर ग्रुप गठित किए गए थे। प्रधानमंत्री ने इन चर्चाओं में शामिल होकर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।  

सम्मेलन से प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सभी पुलिस संबंधित घटनाओं के विश्लेषण तथा सीखने की इस प्रक्रिया को संस्थागत करने पर बल दिया। उन्होने सम्मेलन को हाइब्रिड प्रारूप में करवाने की भरपूर प्रशंसा की और कहा कि इससे विभिन्न स्तर के अधिकारियों के बीच सूचनाओं का प्रवाह सुगम हुआ है। उन्होने देश भर की पुलिस फोर्स के लाभ के लिए अंतर-प्रचलित तकनीकों के विकास पर ज़ोर दिया। उन्होने गृह मंत्री के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय पुलिस टेक्नालजी मिशन गठित करने के लिए कहा ताकि भविष्य की तकनीकों को जमीनी स्तर की पुलिस आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सके। सामान्य लोगों के जीवन में तकनीक के महत्व को रेखांकित करने के लिए प्रधानमंत्री ने Cowin, GeM और UPI के उदाहरण दिए। 

उन्होने कोविड महामारी के बाद पुलिस के व्यवहार में जनता के प्रति आए सकारात्मक बदलाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि ड्रोन तकनीक का उपयोग लोगों के लाभ के लिए किया जाना चाहिए। उन्होने 2014 में लागू किए गए स्मार्ट पुलिसिंग की नियमित समीक्षा के लिए कहा और उसमें लगातार बदलाव लाने और उसे संस्थागत करने पर बल दिया। पुलिस की रोज़मर्रा के समस्या के समाधान के लिए उन्होने उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को जोड़ने के लिए कहा ताकि हैकाथन के माध्यम से तकनीकी समाधान ढूँढे जा सकें।




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