फोटोग्राफी कला हमेशा से स्मृतियों को सजोने का माध्यम रही हैंः प्रो अनिल कुमार शुक्ला
भाषा विश्वविद्यालय में फोटोग्राफी प्रदर्शनी का आयोजन
लखनऊ। ख्वाजा मोइनूद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा सामूहिक रूप से फोटोग्राफी प्रदर्शनी का आयोजन ‘स्टूडेंट फैसिलिटी सेंटर’ में किया गया साथ ही लिंग संवेदीकरण समिति एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा लिंग संवेदीकरण पर एक नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया। पत्रकारिता विभाग के दृश्य संचार के छात्रों ने विगत तीन दिवसीय कार्यशाला में छायाचित्रण के विभिन्न सिध्दांतों के बारे में जानकारी हासिल की।
फोटो प्रदर्शनी द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रों ने लखनऊ शहर के विभिन्न सांस्कृतिक, इतिहासिक धरोहर को कैमरे में क़ैद करके फोटोग्राफी प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित भी किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक समिति एवं लिंग संवेदीकरण समिति द्वारा विद्यार्थियों की मानवीय संवेदनाओं को जगाने के लिए एक नुक्कड़ नाटक प्रदर्शित कर समाज में महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा को उजागर किया गया।
आयोजन के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला ने दीप प्रजोलन करके फोटोग्राफी एक्सबीशन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि फोटोग्राफी कला हमेशा से स्मृतियों को सजोने का माध्यम रही है और आज के आधुनिक युग में भी इसकी उपयोगिता बनी हुई है। फोटोग्राफी प्रदर्शनी के समन्वयक प्रो हैदर अली पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की विषय प्रभारी डॉ रुचिता सुजय चौधारी तथा सहायक आचार्य डॉ काज़िम रिज़वी रहे। कार्यक्रम के अंत में डॉ चौधारी ने इस आयोजन के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता डॉ ततहीर फातिमा, सहायक आचार्य प्रियंका सूर्यवंशी, सहायक आचार्य डॉ. सचीद्र शेखर, तकनीकी सहायक मोहसीन हैदर एवं छात्र छात्राएं मौजूद थे।
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