लोकबंधु अस्पताल में संविदा कर्मियों को नहीं मिला चार माह से वेतन
लखनऊ। कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य विभाग का पैरामेडिकल और मेडिकल स्टाफ ने अपनी जान की परवाह न करते हुए जिस प्रकार लोगों को संक्रमण से बचाने एवं उन्हें स्वस्थ कर उनके घर भेजने कार्य किया और आज भी कोविड टेस्ट और वैक्सीनेशन के कार्य में लगे हुए हैं। सरकार ने भी उन्हें फ्रन्ट लाइन वारियर का दर्जा दिया है। लेकिन इन सबके बावजूद अस्पतालों में संविदा पर कार्यरत मेडिकल स्टाफ को चार माह से वेतन न देकर उनके मनोबल को धराशाही किया जा रहा है।
राजधानी में स्थित लोकबंधु अस्पताल में कोविड की तिसरी लहर से लड़ने के लिए लगभग प्रतिदिन 8 सौ वैक्सिनेशन का कार्य किया जा रहा है। अस्पताल में कार्यरत मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ 12-12 घंटे ड्यूटी कर सरकार के वैक्सिनेशन अभियान को पूरा करने में लगे हैं। लेकिन संविदा पर कार्यरत स्टाफ का चार माह से वेतन न मिलने से उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। सूत्रों के अनुसार वहां 12 घंटे कार्य करने के बावजूद उनकी उपस्थिति भी दर्ज नहीं की जा रही है। कार्य करने के बावजूद उपस्थिति दर्ज न करने एवं वेतन न मिलने से वैक्सीन लगा रहे एक बुथ के कर्मचारियों ने वैक्सिनेशन कार्य बंद कर अपना विरोध दर्ज कराया। जबकि अन्य बुथ के कर्मचारी भींड़ और वहां उपस्थित लोगों को परेशानी न हो इसलिए वैक्सिनेशन का कार्य करते रहे।
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