एकेटीयूः कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक का कार्यकाल समाप्त होने पर विदाई समारोह का आयोजन

लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कार्यकाल पूरा होने पर आज अपना पदभार विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो विनीत कंसल को हस्तांतरित कर दिया। इस अवसर पर विवि के घटक संस्थान आईईटी, लखनऊ द्वारा सोमवार को एक औपचारिक कार्यक्रम में उन्हें विदाई दी गयी। संस्थान के निदेशक प्रो विनीत कंसल ने उन्हें मोमेंटो देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर प्रो राजीव कुमार ने कहा कि प्रो पाठक एक कुशल प्रशासक हैं। उनके द्वारा किये गए कार्यों से प्राविधिक शिक्षा को नई दिशा मिल सकी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विवि की छवि विश्व के प्रतिष्ठित विवि में शुमार हुई है।

संस्थान के आचार्य प्रो नीलम श्रीवास्तव ने कहा कि आईईटी लखनऊ को प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ प्राविधिक संस्थांन बनाने में प्रो पाठक की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि प्रो पाठक के नेतृत्व में आईईटी में शिक्षकों की कमी को पूरा करने का अद्वितीय कार्य सम्पन्न हुआ है।

प्रो मनीष गौड़ ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में प्रो पाठक ने अविस्मरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि बदलाव का परिमाण है कि समस्त राजकीय संस्थानों की सीटें लगभग शत प्रतिशत भर रही हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग और प्लेसमेंट के कार्य को भी नए आयाम मीले हैं।

संस्थान के निदेशक प्रो विनीत कंसल के कहा कि प्रो पाठक द्वारा किये गए कार्यों का परिणाम है कि आईईटी, लखनऊ की पांच ब्रांचों को एनबीए से एक्रीडिटेशन मिल सका है। उन्होंने कहा कि प्रो पाठक द्वारा विवि और समस्त राजकीय संस्थानों के समावेशी विकास के लिए सफल प्रयास किये गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी में प्रो पाठक द्वारा सैकडों की संख्या में लोगो की जान बचाने के लिए कार्य किया गया।

कार्यक्रम के दौरान प्रो पाठक ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा में गुणवत्ता की सुनिश्चितता के लिए किए गए प्रयास सफल रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें कार्यों के निर्वाह में विवि परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग मिलता रहा है।  

प्रो पाठक सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति हैं। बतौर कुलपति यह उनका 7 वां विश्वविद्यालय है। इससे पहले प्रो पाठक यूओयू हल्द्वानी, वीएमओयू कोटा, आरटीयू कोटा (अतिरिक्त  प्रभार), एकेटीयू लखनऊ, एचबीटीयू कानपुर (अतिरिक्त  प्रभार), केएमसी भाषा विश्वविद्यालय (अतिरिक्त  प्रभार) के कुलपति रह चुके हैं। 

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