वर्तमान वैश्विक समस्याओं का समाधान प्रकृति संरक्षण से संभव: डॉक्टर राजेश

 


लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत सेवा प्रमुख डॉ राजेश चंद्र विक्रमी ने हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन तथा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा आयोजित प्रकृति वंदन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संपूर्ण विश्व इस संसार को भौतिक संसार मानता है जबकि हिंदू दर्शन में यह संसार संपूर्ण जीव जंतुओं के लिए है। ऐसी स्थिति में हमें जीव जंतुओं से भी अपने संबंध जोड़ने चाहिए। 

पर्यावरण कार्यकर्ता एवम् हेरिटेज फाऊंडेशन के ट्रस्टी नरेंद्र मिश्रा ने कहा कि हिंदू दर्शन में मानव शरीर को पिंड के रूप में समझने पर बल दिया गया है और इसका स्वरूप अखंड मंडला कार है जैसे कि ब्रह्मांड। हमारी दृष्टि पवित्र थी परंतु अब यह भौतिक हो गई है।


मातृ मंडली की अध्यक्षा मधु राठौर ने कहा कि धरती को हमने माता कहा है और यह भाव पशु पंछियों के प्रति भी होनी चाहिए। प्रकृति वंदन की प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य मनमोहन जाजोदिया ने कहाहिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन का उद्देश्य संपूर्ण विश्व में पर्यावरण संरक्षण है। उन्होंने इस फाउंडेशन के विकास के ऊपर भी लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। इस अवसर पर सभी ने गीतकार भूपेश द्वारा रचित प्रकृति वन्दन तथा पर्यावरण संरक्षण विषयक गीत को गाया और वृक्षों का पूजन व आरती की। 

इस वंदन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से वरिष्ठ समाजसेवी शैवाल शंकर, एपीपीएल सामाजिक संस्था के सौरभ श्रीवास्तव व अजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ रंगकर्मी रंजना जायसवाल द्विवेदी, समाजसेवी शुभ्रासिंह, पारुल दुबे, संगीता मौर्य, अमित कुमार के साथ-साथ भारी संख्या में मातृशक्ति उपस्थित रहीं।



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