भाषा विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो अनिल कुमार शुक्ला ने किया ध्वजारोहण



लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में 75वे स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ एनसीसी विद्यार्थियों, सुरक्षाकर्मियों एवं पीएसी बल के गार्ड ऑफ ऑनर से हुआ जिसके उपरांत विश्वविद्यालय कुलपति प्रो अनिल कुमार शुक्ला ने ध्वजारोहण किया एवं डॉ विभा द्वारा राष्ट्रीय गान प्रस्तुत किया गया। 


अपने उद्बोधन में प्रो शुक्ला ने कहा कि 1947 में हमारे देश ने राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त की थी लेकिन असली स्वतंत्रता तब आती है जब व्यक्ति का मन एवं मस्तिष्क स्वतंत्र हो और इस स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए शिक्षण संस्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था,  देश की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक व्यवस्था का इंडेक्स होती है। सभी विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों को विश्व की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि वह ना केवल मस्तिष्क की ऊंचाई को बढ़ाएं बल्कि उसके साथ-साथ दिल की गहराई को भी बढ़ाएं जिससे विद्यार्थी अपनी शिक्षा का उपयोग देश एवं समाज के हित के लिए कर सकें।


अंत में उन्होंने कहा कि हम सबको समाज के आखिरी तबके के विकास के लिए कार्य करना चाहिए, पत्थर बनी अहिल्याओं को जगाना चाहिए एवं पिछड़े लोगों को उठाने का काम करना चाहिए। विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि  विद्यार्थियों में अध्ययन के विद्यार्थियोचित गुण होने चाहिए वहीं दूसरी ओर शिक्षकों में शिक्षकोचित गुण होने चाहिए तभी यह देश उन्नति कर पाएगा।


कार्यक्रम का संयोजन डॉ प्रवीण कुमार राय, डॉ ततहीर फातिमा एवं डॉ नलिनी मिश्र द्वारा किया गया व कार्यक्रम का संचालन डॉ नीरज शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय कुलसचिव, वित्त अधिकारी, उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव एवं सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।


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