इस्लामिक आतंकी संगठन आईएसआईएस-के ने एयरपोर्ट पर हमले की जिम्मेदारी ली

आतंकी संगठन ​इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएसआईएस-के) ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। वर्ष 2014 में अफगानिस्तान से सक्रिय हुए इस संगठन की पहचान सबसे क्रूूर एवं बेरहम संगठन के रूप में की जाती है। अफगान की सेना ने जब इस संगठन को खदेड़ा तो वे अफगान की सिमा पर अपना ठिकान बना लिया। तालिबान के असंतुष्ट लड़ाके और पाकिस्तान के सैकड़ो तालिबानी इस संगठन से जुड़े हुए हैं। खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार इस संगठन से सीरिया, विदेशी चरमपंथी संगठन के तमाम आतंकी के साथ साथ पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के आतंकी भी जुड़े हुए हैं। पूर्व में यह आतंकी संगठन काबुल और उसके बाहर आत्मघाती हमलों को अंजाम दे चुका है। शुरूआत के समय में यह संगठन पाकिस्तान की सीमा से सटे कुछ इलाकों में सक्रिय था लेकिन अब यह कई और प्रान्तों मे फैल चुका है।

आईएसआईएस-के और तालिबान दोनों ही कट्‌टर सुन्नी इस्लामिक आतंकी हैं, फिर भी दोनों एक दूसरे का विरोध करते हैं। आईएसआईएस-के और तालिबान के बीच कई मुद्दों पर असहमति है। आईएसआईएस-के ने तालिबान पर आरोप लगाया है कि उसने जिहाद और युद्ध का मैदान छोड़कर दोहा और कतर के बड़े होटलों में बैठकर शांति के समझौते किए हैं। स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड को-ऑपरेशन के मुताबिक, दोनों संगठनों के बीच विचारधारा का फर्क है। इसके साथ ही संसाधनों को लेकर संघर्ष भी दोनों के बीच लड़ाई का बड़ा कारण है।

असोसिएटिड प्रेस के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में तालिबान ने अमेरिका के साथ समझौता करने की कोशिशें की हैं। इससे नाखुश लोग तालिबान छोड़कर ज्यादा कट्‌टर इस्लामिक स्टेट से जा मिले। रिसर्चर्स का कहना है कि आईएसआईएस-के और हक्कानी नेटवर्क के बीच मजबूत कड़ी है। हक्कानी नेटवर्क तालिबान से जुड़ा है। एशिया पैसिफिक फाउंडेशन के डॉ. सज्जन गोहल ने बीबीसी को बताया कि 2019 से 2021 के बीच कई प्रमुख हमलों को आईएसआईएस-के, तालिबान के हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तान के दूसरे आतंकी समूहों ने मिलकर अंजाम दिया है।

आईएसआईएस-केे आतंकी संगठन ने काबुल समेत कई दूसरे शहरों में सरकार और विदेशी मिलिट्री दोनों के खिलाफ सिलसिलेवार आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया है। इस संगठन ने गांव के बुजुर्गों की सरेआम हत्या, रेड-क्रॉस कार्यकताओं को मारने और भीड़ में फिदायीन हमले किए हैं। शिया समुदाय के खिलाफ आत्मघाती हमलों के पीछे भी इसी समूह को जिम्मेदार माना जाता है। इस समूह ने हाल ही में काबुल में सूफी मस्जिद और शिया बस यात्रियों को निशाना बनाया था।

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