एकेटीयूः प्रो विनय कुमार पाठक ने प्रो विनीत कंसल को सौंपा कुलपति का चार्ज

छह वर्षों में शोध, नवाचार, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और डिजिटलीकरण से तस्वीर बदलने में  प्रो विनय कुमार पाठक का रहा महत्वपूर्ण योगदान


लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने प्रो विनीत कंसल को कुलपति का कार्यभार सौंपा। उन्होंनं पीछले छः वर्षों में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा की सुनिश्चितता के लिए पांच बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए राजकीय एवं अनुदानित तकनीकी संस्थानों में शिक्षकों की कमी पूर्ण करना, आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली का डिजिटलीकरण ट्रेनिंग और प्लेसमेंट की समुचित व्यवस्था करना तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को प्रस्तुत करने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रिडिएशन (एन.बी.ए.) से राजकीय एवं अनुदानित उच्च शिक्षा संस्थानों को एक्रिडिएट प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी दूरदर्शिता एवं सोच के कारण इन पांचों चुनौतियों को प्राप्त करने में सफलता मिली।  

प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा प्रो विनय कुमार पाठक के नेेतृत्व में 280 से अधिक शिक्षकों की शुचिता एवं पारदर्शिता से नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने सफलता मिली साथ ही साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 200 करोड़ की पं0 दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना लागू की गयी है। इस योजना के सफल संचालन के उपरान्त वर्ष 2020 में रूपये 100 करोड़ की अतिरिक्त परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण संपन्न करवाया गया। इस वर्ष ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से विवि के भवन का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट के कार्य को गति प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इन्टरफेस सेल का गठन किया गया, जिसके माध्यम से अब तक 30 हजार से अधिक रोजगार के सुलभ अवसर पूल कैंपस ड्राइव्स के माध्यम से छात्र-छात्राओं को उपलब्ध करवाए जा चुके हैं।  प्रो पाठक के निर्देशन में एनबीए एक्रिडिएशन की दिशा में हुए कार्यों का परिणाम है कि विश्वविद्यालय के घटक संस्थान आईईटी लखनऊ की पांच ब्रांचों यूपीटीटीआई, कानपुर की एक ब्रांच को इस वर्ष एन.बी.ए. एक्रिडिएशट प्राप्त हुआ। साथ ही वर्तमान में विश्वविद्यालय के शासकीय एवं अनुदानित संस्थानों में से 28 संस्थानों की 67 ब्रांचों को एनबीए एक्रिडिएशट प्राप्त हुआ है। वर्ष 2022 तक समस्त राजकीय एवं अनुदानित संस्थानों को एनबीए एक्रिडिएट करवाने का लक्ष्य रखा गया है। 

प्रो पाठक के नेतृत्व में एकेटीयू की पूरी कार्यप्रणाली डिजिटलीकृत हुयी, विवि में ई-ऑफिस को भी लागू किय गया। साथ ही छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निराकरण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चौटबोट की शुरुआत की गयी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सफल योजना ‘‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ‘‘ के आवाहन में यूपीएसईई-2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप एवं 100 टॉपर एससी/एसटी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किये गये हैं। 

विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 महामारी एवं लॉकडाउन जैसी विपरीत परिस्थियों में 750 से अधिक सम्बद्ध संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन लर्निंग की सुविधा प्रदान की है। साथ ही कोविड-19  ऑनलाइन वीकली आईडियाथन चौलेन्ज के माध्यम से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के लिए तकनीक विकसित करने के अवसर भी प्रदान करता रहा। विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कोविड-19 डायग्नोस्टिक/स्क्रीनिंग टूल विकसित करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बना है। विश्वविद्यालय द्वारा लॉकडाउन के दौरान फेशशील्ड, थ्रीडी वेंटिलेटर स्प्लिटर एडाप्टर, शुद्धिसुरंग, पोर्टेबल फाइल सेनेटाइजार, करेंसी सेनेटाइजेशन मशीन, बहुउद्देशीय रोबोट आदि उपकरणों का विकास कर चुनौतियों को अवसर में बदलने का कार्य किया है। विश्वविद्यालय द्वारा शोध एवं नवाचार के साथ ही सामाजिक उत्थान एवं पुर्नवास के लिए भी सफल प्रयास किये गए। विगत कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय ने सकारात्मक प्रगति कर प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा की सुनिश्चितता के लिए प्रतिबद्धता से कार्य किया है। विश्वविद्यालय के 72 कर्मचारियों का विनियमितीकरण एक ऐतिहासिक निर्णय रहा। साथ ही शिक्षकों को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम का लाभ देते हुए प्रोन्नति प्रदान की गयी है। विश्वविद्यालय में सोलर पॉवर प्लांट एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित किये गये हैं। डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं को गति मिल सकी है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में गूगल द्वारा प्रदान किये गये एक लाख डालर से कोड लैब की स्थापना की गयी, साथ ही विश्व स्तरीय प्रयोगशालाएं जैसे स्मार्ट सिटी सेम्युलेटर लैब, रोबोटिक्स लैब, नैनो साइंस लैब आदि स्थापित की गयी हैं।  विश्वविद्यालय के घटक संस्थान में महिला छात्रावास, इनडोर आउट डोर स्टेडियम, संकाय भवन जैसे निर्माण कार्यों को गति मिल सकी है।

कुलपति प्रो पाठक के नेतृत्व में विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन सत्रांत परीक्षाओं का सफल सञ्चालन प्रारम्भ किया गया। विश्वविद्यालय के घटक संस्थान सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज बायोटेक में सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इस सेंटर को स्थापित करने के लिए लगभग 6 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालय के शासकीय एवं निजी संस्थानों में कार्यरत जिन शिक्षकों की मृत्यु कोविड-19 संक्रमण से हुई है। विश्वविद्यालय उनके परिवारी जनों को पांच लाख रुपये की सहायता धनराशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण जिन विद्यार्थियों के माता पिता का निधन हुआ है। ऐसे समस्त विद्यार्थियों की शेष बचे समस्त सत्रों के शुल्क का वहन विश्वविद्यालय द्वारा किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसका लाभ विश्वविद्यालय के निजी एवं शासकीय दोनों क्षेत्रों के संस्थानों के विद्यार्थियों को प्रदान किया किये जाने का निर्णय लिया गया हैद्य एक रुपए प्रति-दिन पर मिली ई-कंसोर्टियम की सुविधाद्य 5 हजार से ज्याद अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्र और पुस्तकें एक क्लिक पर उपलब्ध।

एकेटीयू में एक मेगावाट एवं आईईटी में एक मेगावाट के सोलर पॉवर प्लांट का शुभारम्भद्य एकेटीयू ई-ऑफिस लागू करने वाला प्रदेश का पहला प्राविधिक विश्वविद्यालय बना।

इसके अतिरिक्त एकेटीयू ने ग्रामीण विकास एवं सामाजिक उत्थान के लिए भी सकारात्मक पहल की है। विश्वविद्यालय के सम्बद्ध संस्थाओं द्वारा ग्रामीण अंचलों में अक्षय ऊर्जा श्रोतो के विकास, जीरो प्रदूषण फार्मिंग आदि के लक्ष्य को पूरा करने हेतु कम से कम एक-एक गाँव गोद लिया है। विश्वविद्यालय द्वारा टी.बी. से पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो को भी गोद लेकर उनके इलाज और शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। कुलाधिपति के निर्देशन में और केजीएमयू लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय अनीमिया के प्रति जागरूकता एवं बचाव हेतु कार्य कर रहा है। 

कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में लखनऊ के जनपद के 130, कानपुर के 75 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए सहयोग प्रदान किया गया है। साथ ही वाराणसी, मेरठ प्रयागराज आदि जनपदों में भी आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए सहयोग प्रदान किया गया हैद्य इस अवसर पर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ ने बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिभाग कर आंगनबाड़ी केन्दों को आवश्यक सामग्री का अपने कर कमलों से वितरण किया।

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