बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर मेरे लिए भगवान के सामानः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू


लखनऊ (नागरिक सत्ता)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुईं और कहा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर मेरे लिए भगवान के सामान हैं। उन्होंने कुछ ऐसा किया था कि आज मैं आपके सामने खड़ी हूं।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्ट-अप इको-प्रणाली मौजूद है। सभी शैक्षिक संस्थानों, विशेषकर विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों को इस इको-प्रणाली का पूरा लाभ उठाना चाहिये तथा अनुसंधान व नवाचार के लिये अपने शिक्षार्थियों को प्रेरित करना चाहिये। उनके प्रयास नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को अग्रणी राष्ट्र बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान साबित होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में 3808 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गयी तथा राष्ट्रपति ने 10 गोल्ड मेडलिस्ट स्टूडेंट्स को सम्मानित किया। 

राष्ट्रपति ने कहा कि निवेश और व्यापार के लिये यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ने जो सहायक वातावरण तैयार किया है उससे शिक्षा को जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों को खुद को ऐसे केंद्रौं के रूप में विकसित करना चाहिये, जहां जन कल्याण के लिये नये शोध किये जायें, जो चौथी औद्योगिक क्रांति का केंद्र बनें और जो स्टार्ट-अप के पनपने का केंद्र बन सकें। उन्होंने कहा कि अगर हमारे शिक्षण संस्थान नई क्रांति और सामाजिक समृद्धि व समानता के संदेशवाहक बन जायें, तो यह भी बहुत उत्साहवर्धक होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीवराव अम्बेडकर मानते थे कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को शिक्षा प्रदान करना विश्वविद्यालयों का बुनियादी कर्तव्य है। बाबासाहेब का कहना था कि शैक्षिक संस्थानों को बिना किसी भेदभाव के सबको बेहतर शिक्षा प्रदान करनी चाहिये। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करके अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के शिक्षार्थियों की उन्नति के लिये सराहनीय काम कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह विश्वविद्यालय देश और प्रदेश में बाबासाहेब के आदर्शों के अनुरूप शिक्षा का प्रसार करता रहेगा।

राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्रों पर भरोसा जताते हुए कहा कि आज यहां जो शिक्षार्थी एकत्र हुये हैं वे शिक्षा व ज्ञान के बल पर अपने जीवन में खूब प्रगति करेंगे। लेकिन इसके साथ ही उन्हें हमारे मूल्यों और संस्कृति से भी जुड़ा रहना होगा तभी वे एक सार्थक और संतोषी जीवन जी पायेंगे। राष्ट्रपति ने शिक्षार्थियों को सलाह दी कि वे हमेशा उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास करते रहें। उन्होंने कहा कि जब भी संकट की घड़ी आये तो समाधान खोजने पर विचार करें और उसे अवसर की तरह समझें। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास होगा। 

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