बजट सत्रः माफिया को मिट्टी में मिला देंगे, प्रयागराज की घटना पर सदन में बोले मुख्यमंत्री

  • हम प्रदेश के हर गरीब को आवास, बिजली, रोजगार की बात करते हैं, विपक्ष के लोग जाति की बात करते हैंः मुख्यमंत्री

  • रामचरित मानस जैसे ग्रंथों को जला कर देश-दुनिया में रहने वाले हिंदुओं का अपमान किया हैः मुख्यमंत्री
  • जनता का जनादेश ही सबसे बड़ी पॉलिटिकल क्रैडिबिलिटीः योगी आदित्यनाथ

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में सत्र के छठे दिन 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण पर 2 घंटा 7 मिनट के अपने भाषण में नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगाए गए एक एक आरोपों का जवाब दिया। 

नेता सदन ने बोलना शुरू किया था कि तभी नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और सपा सदस्य मनोज पाण्डेय ने प्रयागराज की घटना राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और गनर की शुक्रवार को हुई हत्या पर सदन रोककर चर्चा कराने की मांग की। जिसपर नेता सदन ने कहा कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। उन्होंने विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अपराधी को विधायक और सांसद बनाया अब तमाशा कर रहे। नेता सदन के बयान पर सपा के सदस्यों ने ‘माफिया को मिट्टी में मिला देंगे‘ शब्द का प्रयोग करने पर वेल में आकर हंगामा करने लगे। अध्यक्ष सतीश महाना के कहने पर वे अपने शीट पर बैठे।

नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित करते हुए नेता विपक्ष अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि रामचरितमानस में तुलसीदास ने समाज को जोड़ने का काम किया है। चौपाइयों की सही व्याख्या करनी आनी चाहिए। रामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अवधी और बुंदेलखंडी के लिखे शब्द ‘ताड़ना‘ और ‘शूद्र‘ का गलत मतलब निकाला गया। शूद्र का मतलब श्रमिक से और ताड़ना का अर्थ देखना होता है मारना नहीं होता। आज लोग रामचरितमानस की व्याख्या अपने हिसाब से कर रहे हैं। 

उन्होंने समाजवादी पार्टी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आज उनके कार्यालयों में रामचरितमानस को फाड़ कर और जलाकर हिन्दुओं को अपमानित करने का काम किया जा रहा है। रामचरितमानस के श्लोक की व्याख्या करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ताड़ना का अर्थ ‘मारने‘ से नहीं ‘देखने‘ से होता है। और ‘शूद्र‘ का मतलब श्रमिक से होता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामचरितमानस की रचना जिस कालखंड में हुई, तब महिलाओं की स्थिति क्या थी ये किसी से छिपा नहीं है। मैं मॉरिशियस में प्रवासी भारतीय के आयोजन में गया। मैंने उनसे पूछा कि क्या आपके पास कोई धरोहर है उन्होंने अवधि में लिखी रामचरितमानस को दिखाया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ये कृष्ण की धरती है, राम की धरती है, संगम की धरती है। यहां रामायण जैसे ग्रंथ रचे गए। ऐसे ग्रंथों को जला कर क्या वे देश-दुनिया में रहने वाले हिंदुओं को अपमानित करने का काम नहीं कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने शिवपाल यादव की तरफ देखते हुए एक चौपाई पढ़ते हुए कहा कि ‘भय बिनु होइ न प्रीति‘ भय से ही सही चाचा को सम्मान तो मिला। योगी ने कहा कि शिवपाल जी जब आपको देखता हूं तो महाभारत का दृश्य याद आता है। आपके संघर्ष और अनुभव का फायदा सपा को नहीं मिला। अनुभवी व्यक्ति बार बार छले जा रहे हैं। 

योगी ने आगे कहा कि मातृ शक्ति की प्रतीक राज्यपाल के अभिभाषण पर नारेबाजी करना, ये कहां तक उचित है। जो लोग राज्यपाल का सम्मान नहीं कर सकते। उनसे प्रदेश की जनता का क्या सम्मान करेंगे। सपा के शासन में में गेस्ट हाउस कांड हुआ। तब कहा गया कि ‘लड़के हैं, गलती कर देते हैं‘ ऐसे बयान देते थे। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ की तरफ तंज़ कसते हुए कहा कि ये गुरु किसके हैं। इस बात पर योगी आदित्यनाथ ने गुस्से में कहा तुमको शर्म आनी चाहिए। जो अपने बाप का सम्मान नहीं कर सका। वो प्रदेश की जनता का क्या सम्मान करेगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक बड़े विचारक ने कहा था कि शक्ति देना आसान है, लेकिन बुद्धि देना आसान नहीं। इसको सरल भाषा में कहूं कि विरासत में सत्ता तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं मिल सकती है। योगी ने कहा माफिया कोई भी हो सरकार उन्हें मिट्टी में मिलाने का काम करेगी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम गरीबों के विकास की बात करते हैं तो ये जाति की बात करते हैं। हम प्रदेश के हर गरीब को आवास, शौचालय, रोजगार, शिक्षा देने की बात करते हैं तो ये जाति की बात करते हैं। सपा के जातीय जनगणना के मुद्दे पर कहा कि जब हम उत्तर प्रदेश के विकास की बात करते हैं तो ये लोग जाति के नाम पर समाज को बांटने की बात करते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इनकी तरह मैं कभी नहीं कहता कि मैंने किया है, मैं कहता हूं हमारी टीम ने काम किया है। हमारे मंत्री 16 देशों में गए। मंत्रियों की टीम ने देश में रोड शो किया। ये है टीम वर्क। जोकि ग्लोबल समिट में दिखा। तब भारी भरकम इन्वेस्टमेंट लेकर आए।

मुख्यमंत्री योगी ने समाचार पत्र की एक कटिंग दिखाते हुए कहा कि इनके शासन में एक ही जाति की भर्ती होती है। 86 पीसीएस में से 56 एक ही जाति के थे। उस वक्त के युवाओं के साथ क्या अन्याय होता था। सभी चयन आयोग और भर्ती में क्या होता था। किसी से छिपा नहीं है।

मुख्यमंत्री योगी ने पॉलिटिकल क्रैडिबिलिटी पर बोलते हुए कहा कि 2012, 2017, 2019, 2022 हमें जनता का लगातार जनाधार मिलता आ रहा है। यह है क्रैडिबिलिटी। पॉलिटिकल क्रैडिबिलिटी का सबसे बड़ा मानक देश-दुनिया का भरोसा है। 35 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। योगी ने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश में भूख से मौत होती थी, लोगों के पास आवास नहीं थे। इतनी बड़ी महामारी के आने के बाद भी किसी भी व्यक्ति की भूख से मौत नहीं हुई है। 

मुख्यमंत्री योगी ने कहा एक दिन पहले सदन की चर्चा में खेल के बारे में नेता विरोधी दल बात कर रहे थे। वो पूछ रहे थे कि अकेले-अकेले क्यों खेल कर रहे थे। मैं तो अकेला ही आया हूं। मैंने सोचा कि नेता विरोधी दल अच्छे खिलाड़ी हो तो उनका नाम किसी पुरस्कार लिए भेज सकते हैं। हमने तो कई खिलाड़ियों को नौकरी दी। एक खिलाड़ी को नायाब तहसीलदार बनाया। एक और खिलाड़ी को डिप्टी एसपी बनाया। बिना किसी भेदभाव के।

सपा की सत्ता में तो खेल ही होते थे, खाद्यान्न घोटाले का खेल, रीवर फ्रंट घोटाले का खेल, 97 हजार करोड़ के घोटाले का कैग रिपोर्ट में आया। भर्ती घोटाला का खेल भी हुआ। मुजफ्फरनगर के दंगे, शाहजहांपुर में पत्रकार को जिंदा जलाने का खेल। एक और खेल चल रहा था आतंकवादियों पर लगे मुकदमों को वापस लेने का खेल चल रहा था। मुख्यमंत्री योगी के भाषण के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा को समाप्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना नें द्वारा बजट पर चर्चा शुरू कराया गया।

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