जेएनयू से हॉस्पिटैलिटी में यूजी और पीजी को मान्यता मिलना होटल प्रबंधन की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक उपहार है: जी. किशन रेड्डी

  • राष्ट्रीय होटल प्रबंध एवं केटरिंग टेक्नॉलॉजी परिषद और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली (नागरिक सत्ता)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जेएनयू नई दिल्ली के साथ पर्यटन मंत्रालय के स्वायत्त निकाय राष्ट्रीय होटल प्रबंध एवं केटरिंग टेक्नॉलॉजी परिषद नोएडा के बीच आज होटल प्रबंधन संस्थान पूसा नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। 

जेएनयू के कुलपति और एनसीएचएमसीटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अपने संस्थानों की तरफ से इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और पर्यटन, संस्कृति एवं पूर्वाेत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी और सचिव पर्यटन अरविंद सिंह की उपस्थिति में इन समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।

यह समझौता ज्ञापन हॉस्पिटैलिटी में एनसीएचएमसीटी के यूजी और पीजी डिग्री के प्रमुख कार्यक्रमों को जेएनयू द्वारा मान्यता दिए जाने की दिशा में उठाया गया कदम है। इसके चलते 2023-24 शैक्षणिक वर्ष से जेएनयू द्वारा एनसीएचएमसीटी संचालित पाठ्यक्रमों के पास-आउट छात्रों को डिग्री दी जाएगी।

मीडिया को संबोधित करते हुए जी. किशन रेड्डी ने कहा कि एनसीएचएमसीटी एक ऐसा संस्थान है जो मान्यता प्राप्त करने के योग्य है। ये विशेष रूप से होटल प्रबंधन के इच्छुक लोगों के लिए एक उपहार सरीखा है। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान पर्यटन क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था, लेकिन अब ये क्षेत्र रफ्तार पकड़ रहा है। जी-20 की बैठकों ने भारतीय पर्यटन को पुनर्जीवित करने में मदद की है क्योंकि देश भर में लगभग 250 बैठकें आयोजित की जाएंगी जिनमें कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 

जी. किशन रेड्डी ने कहा कि अतिथि देवो भवः से प्रेरणा लेते हुए जी-20 में भाग लेने वाले सभी देशों पर भारतीय हॉस्पिटैलिटी की अच्छी छाप छोड़ी जा सकती है। उन्होंने एनसीएचएमसीटी और जेएनयू के छात्रों से आग्रह किया कि वे पर्यटन की ब्रांडिंग में शोध करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने होटल प्रबंधन संस्थानों में पर्यटन क्लब खोलने का फैसला किया है और ऐसे लगभग 5000 क्लब शुरू किए जा चुके हैं।

पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह ने कहा कि जेएनयू के पास शोध और अकादमिक संस्कृति का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है और इसे न केवल हमारे देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर लगातार रैंक किया जाता है और माना जाता है। आईआईएचएम के छात्र इस एमओयू से लाभान्वित होंगे क्योंकि इससे समग्र शैक्षणिक इनपुट को अपग्रेड करने में मदद मिलेगी।


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