कानपुर की जघन्य घटना योगी सरकार के बुलडोजर नीति का परिणाम है: बृजलाल खाबरी

  • कानपुर में मां बेटी की मौत पर सरकार के खिलाफ कांग्रेसियों का धरना प्रदर्शन 

  • राज्यपाल द्वारा मिलने का समय न देने पर कांग्रेसियों नें आक्रोश व्यक्त किया

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने प्रदेश मुख्यालय पर आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कानपुर देहात में माँ और बेटी की अतिक्रमण के दौरान जलकर हुई जघन्य मौत पर योगी सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए मामले की न्यायिक जांच और पीड़ित परिवार को समुचित आर्थिक सहायता देने की मांग की है। 

राज्यपाल द्वारा कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को समय ना दिए जानें पर आक्रोषित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने आज यहां पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इसके साथ ही कांग्रेसजनों ने राज्यपाल द्वारा समय ना दिए जाने और कानपुर में हुई इस जघन्य वारदात पर अपना आक्रोष व्यक्त करते हुए धरना प्रदर्शन भी किया। इस दौरान कई कांग्रेस नेता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई।

प्रदेश अध्यक्ष श्री खाबरी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कानपुर में माँ और बेटी की जलकर हुई मृत्यु की यह जघन्य घटना योगी सरकार के बुलडोजर नीति का परिणाम है। क्योंकि योगी सरकार प्रदेशभर में अतिक्रमण और अन्यायपूर्ण बुलडोजर नीति अपनाकर जहां लगातर अपनी पीठ थपथपा रही है। वहीं जनमानस के बीच में भारतीय संविधान और कानून से विश्वास उठ रहा है।

प्रेस वार्ता में शामिल पूर्व मंत्री, मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कानपुर में हुई इस जघन्य घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। श्री सिद्दीकी ने कहा कि जिस तरीके से अतिक्रमण के नाम पर बर्बरता की गई। यह घोर प्रशासनिक लापरवाही और पुलिस की मनमानी का जीता जागता उदाहरण है। ऐसा पुलिसिया बर्ताव खुलेआम लोकतंत्र की हत्या है। बुलडोजर नीति पर अपनी पीठ थपथपा रही सरकार के शासन काल में आज संविधान की ताकत को लगातार कमजोर करने का षड्यंत्र चल रहा है।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने कहा लगातार योगीराज के पहले कार्यकाल और अब दूसरे कार्यकाल में भी ब्राह्मण समाज की हत्याओं का सिलसिला रुक नहीं रहा है। लगातार धर्म-जाति विघटन के नाम पर ब्राह्मणों का वोट हासिल करने वाली बीजेपी सरकार में आज सबसे ज्यादा ब्राह्मण, दलित और अतिपिछड़े त्रस्त हैं।

प्रेसवार्ता में शामिल प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव ने कानपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के ढुलमुल रवैए की कड़ी निंदा की। श्री यादव ने पत्रकारों को बताया कि पीड़ित परिवार जमीनी विवाद को लेकर अदालत की शरण में गया हुआ था। ऐसे में प्रशासन को विवेक से काम लेने की जरूरत थी। मामले को संवेदनशीलता से ना समझते हुए, जिस तरीके से पुलिसिया बर्बरता की गई है यह स्वीकार्य नहीं है।

प्रदेश प्रवक्ता पंकज तिवारी ने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही बुलडोजर नीति और भारतीय संविधान को कमजोर करने वाला जो षड्यंत्रकारी प्रयास किया जा रहा है, इसको लेकर कांग्रेसजन राज्यपाल से अपनी बात रखना चाहते थे। राज्यपाल द्वारा कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को समय न देना, अन्यायपूर्ण और अनुचित है।

श्री तिवारी ने बताया कि हम शांतिपूर्ण तरीके से राजभवन की ओर जा रहे थे। योगी सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए बैरिकेडिंग लगाई और कांग्रेसियों को रोका।

कानपुर में हुई इस जघन्य घटना के विरोध में हुए प्रदर्शन में पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला, इंदल रावत, प्रशासन प्रभारी दिनेश कुमार सिंह, संगठन सचिव अनिल यादव, मीडिया संयोजक अशोक सिंह, प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव, संजय सिंह, प्रियंका गुप्ता, रफत फातिमा, सुधा मिश्रा, प्रज्ञा सिंह, वीरेंद्र मदान, विजेंद्र सिंह, प्रमोद सिंह वीरेंद्र नारायण पांडे ‘बबलू’, विनोद मिश्रा, नीरज तिवारी, संपूर्णानंद मिश्रा, लालती देवी, सुबोध श्रीवास्तव, रेहान खान, विजय बहादुर, नितिन सिंह, नरेंद्र गौतम, शिवम त्रिपाठी, सुशील कुमार वाल्मीकि, राशिदा रिजवान, परवेज मंसूरी, अमित श्रीवास्तव त्यागी, सिद्धिश्री, शाहना सिद्दीकी, सुशीला शर्मा, डॉक्टर रिचा कौशिक, शीला मिश्रा, रुबीना रईस, राकेश पाण्डेय, निशान्त शुक्ला, तनवीर फातिमा, शमीम कुरेशी, विनोद यादव, मुकेश सिंह चौहान, सुनीता रावत, हाशिम अली, राजेंद्र पांडे, संतोष बाबा, सर्वेश संघर्षी, शीलू जायसवाल, रफीक मलिक, सुनील कुमार गौतम, फखरूल इस्लाम, अमन यादव, निजामुद्दीन समेत सैकड़ों कांग्रेसजन उपस्थित थे।




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