आयुष के क्षेत्र में निवेश और नवाचार के असीम अवसरः सर्बानंद सोनोवाल

  •  गांधीनगर में पहली बार बड़े स्तर पर संपन्न हुआ वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन, 9,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव

  • केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पारंपरिक चिकित्सा में भारत के वैश्विक नेतृत्व का समर्थन किया

गुजरात (नागरिक सत्ता)। गांधीनगर में पहली बार बड़े स्तर पर आयोजित किए गए वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन (जीएआईआईएस) आयुष क्षेत्र में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के आशय पत्र (एलओआई) का साक्षी बना। यह निवेश प्रस्ताव एफएमसीजी, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) और सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, प्रौद्योगिकी और निदानएवंकृषक और कृषि जैसी प्रमुख श्रेणियों के तहत आए हैं।

शिखर सम्मेलन के दौरान, देशों, प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों, किसान समूहों और उद्योगों के बीच 70 से अधिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान के अलावा भारत भर में 35 से अधिक छावनी क्षेत्रों में आयुष सुविधाओं का शुभारंभ करने के लिए आयुष मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किय गया।

समापन समारोह में अपने संबोधन मेंकेंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन आयुष क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए एक सक्षम ढांचा विकसित करने में सहायक रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के निवेशकों और उद्यमियों ने आयुष के तुलनात्मक लाभ और इसकी क्षमता को महसूस किया है। श्री सोनोवाल ने कहा कि आयुष के क्षेत्र में निवेश और नवाचार के अवसर असीमित हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय खेल और युवा कार्य एवं सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आयुष के बाजार की व्यापकता 2014 के 3 अरब डॉलर से बढ़कर आज 18 अरब डॉलर हो गयी है और यह 75 प्रतिशत की एक अभूतपूर्व वार्षिक वृद्धि है। श्री ठाकुर ने आशा व्यक्त की कि देश जल्द ही इस क्षेत्र में कई स्टार्ट-अप और व्यवसायों में निवेश का साक्षी बनेगा। प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन देने के लिए अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमें अपने उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग की आवश्यकता है और इसे उत्साहपूर्ण विपणन और ब्रांडिंग के साथ पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के लिए पारंपरिक चिकित्सा में विश्व गुरु बनने का समय आ गया है। हमें एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य की भावना से काम करना चाहिए और भारत में स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे हमारा देश चिकित्सा पर्यटन का केंद्र बन सके।

वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन (जीएआईआईएस) 2022 भारत सरकार द्वारा भारत के प्राचीन और पारंपरिक ज्ञान की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने एवं इस दिशा में एक स्थायी भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इसका लाभ उठाने का एक विशिष्ट प्रयास है। शिखर सम्मेलन का आयोजन अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के सतत विकास लक्ष्य संख्या तीन के अनुरूप किया गया।

शिखर सम्मेलन का समापन कुल पाँच पूर्ण सत्रों, आठ गोलमेज सम्मेलनों, छह कार्यशालाओं और दो संगोष्ठियों के साथ हुआ। इन सभी सत्रों और कार्यकर्मों को तीन दिनों की छोटी अवधि में संचालित किया गया। शिखर सम्मेलन में 90 प्रख्यात वक्ताओं और 100 प्रदर्शकों की उपस्थिति रही। इसमें अमूल, डाबर, कामा आयुर्वेद, एकॉर्डआयुर्वेद, नेचुरल रेमेडीज,एम्ब्रो फार्मा और पतंजलि सहित 30 से अधिक एफएमसीजी कंपनियों ने भागीदारी की। वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 अप्रैल को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस घेब्रेयसस की उपस्थिति में किया था।

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