प्रदेश में ईको टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं हैंः योगी आदित्यनाथ

  •  मुख्यमंत्री ने पर्यटन एवं संस्कृति सेक्टर के विभागों का देखा प्रस्तुतिकरण, दिया निर्देश

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शास्त्री भवन में पर्यटन एवं संस्कृति सेक्टर के विभागों के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। बैठक में पर्यटन एवं संस्कृति सेक्टर के अन्तर्गत धर्मार्थ कार्य, भाषा, पर्यटन एवं संस्कृति विभागों का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में ईको टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं हैं। अन्तर्विभागीय समन्वय कार्ययोजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने में सहायक होते हैं। इसके दृष्टिगत पर्यटन विभाग द्वारा अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय बनाकर ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि 24 जनवरी को प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसी तर्ज पर प्रत्येक जनपद में स्थापना दिवस अथवा जनपद के महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जाए। प्रत्येक शहर तथा गांव में भी इसी प्रकार महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। पारस्परिक एकता एवं सौहार्द को बढ़ाने वाले यह कार्यक्रम राज्य के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत को और सुदृढ़ बनाएंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के ऑडिटोरियम के निर्माण कार्य को भी तेजी से पूर्ण करनेे के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से उत्तर प्रदेश नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बन रहा है। उनके मार्गदर्शन में 21वीं सदी में भारत में सांस्कृतिक नवजागरण हो रहा है। जन आकांक्षाओं के अनुरूप श्री काशी विश्वनाथ धाम निर्माण, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, अयोध्या में दीपोत्सव, ब्रज में रंगोत्सव, काशी की देव-दीपावली, श्री विंध्यवासिनी धाम कॉरिडोर, नैमिष तीर्थ, शुक तीर्थ का पुनरुद्धार, वाराणसी में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का 100 साल बाद वापस आना और प्रतिष्ठापित होना, सोरों-सूकरक्षेत्र का विकास आदि पूरे विश्व में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की पहचान हैं।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली का विकास करने का निर्देश दिया। इसके अन्तर्गत मंदिरों के विवरण, इतिहास, रूट मैप आदि की जानकारी उपलब्ध करायी जाए। यह कार्य प्राथमिकता पर आगामी 100 दिनों के अन्तर्गत किये जाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में चिन्हित 12 सर्किटों-रामायण सर्किट, बुद्धिष्ट सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, कृष्ण-ब्रज सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, महाभारत सर्किट, सूफी-कबीर सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट, जैन सर्किट एवं वाइल्ड लाइफ एंड ईको टूरिज्म के विकास कार्यों को प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण कराया जाए।

प्रस्तुतिकरण के उपरान्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों द्वारा अपने सुझाव भी दिए गए। पर्यटन एवं संस्कृति सेक्टर के अन्तर्गत अपर मुख्य सचिव धर्मार्थ कार्य अवनीश कुमार अवस्थी ने धर्मार्थ कार्य विभाग का प्रस्तुतिकरण किया गया, प्रमुख सचिव भाषा जितेन्द्र कुमार ने भाषा विभाग का तथा प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने पर्यटन एवं संस्कृति विभागों का प्रस्तुतिकरण किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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