मां मनसा देवी करती हैं भक्तों के मन की मुरादें पूरी

 मां मनसा देवी के दर्शन करने वाला कभी खाली हाथ लौटकर नहीं जाता

मां मनसा देवी का मंदिर

(अखिलेश पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार)

हरिद्वार (नागरिक सत्ता)। उत्‍तराखंड के हरिद्वार में स्थित प्रमुख तीर्थों में से एक माता मनसा देवी के मंदिर में नवरात्रि में भक्‍तों का तांता लगा रहता है। मां मनसा देवी के दर्शन करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। नवरात्रि में प्रतिदिन लाखों लोग मां का दर्शन करते हैं।



मनसा देवी के इतिहास के बारे में पौराणिक मान्यता है कि वह भगवान शंकर की पुत्री के  हैं। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार मां मनसा की शादी जगत्‍कारू से हुई थी और उनके पुत्र का नाम आस्तिक था। मनसा देवी को नागों के राजा वासुकी की बहन के रूप में भी जाना जाता है।

मनसा देवी के मंदिर का इतिहास बहुत ही गौरवशाली माना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर हरिद्वार से 3 किमी दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला में बिलवा पहाड़ पर स्थित है। नवरात्र के महीन में यहां पर भक्‍तों की भारी भीड़ रहती है। मान्‍यता है कि यहां भक्‍त जो मुराद लेकर आते हैं, उनकी वह मनोकामना देवी मां पूर्ण करती हैं।


इस मंदिर में मां की 2 मूर्तियां स्‍थापित हैं। इनमें से एक मूर्ति की पंचभुजाएं और एक मुख है और वहीं दूसरी मूर्ति की 8 भुजाएं हैं। यहां मां दुर्गा के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। ममता की मूर्ति मां मनसा यानी मन की कामना। यहां पर आने वाले भक्‍त अपनी मुराद लेकर एक पेड़ पर धागा बांधते हैं। फिर इच्‍छा पूर्ण हो जाने के बाद उस धागे को खोलते हैं और फिर मां का आशीर्वाद लेकर चले जाते हैं।


मां मनसा देवी का दर्शन के लिए मंदिर तक सीढ़ीयों से सीधी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। और दूसरा माध्यम रोप-वे का है। भक्त रोप-वे से टिकट लेकर कम समय में मां का दर्शन कर के वापस आ सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको कुल 786 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर सुबह के 5 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है।





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही