रुड़की के इंजीनियरों ने दी विश्व की सर्वश्रेष्ठ मेट्रो सेवा: बृजेश पाठक

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में चल रहे आईआईटी रुड़की के 175वें स्थापना दिवस पर आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल मीट ‘उल्लास थॉमसो 175' के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आईआईटी रुड़की के पुराछात्रों को धन्यवाद करते हुए कहा कि देश के विकास को सही दिशा और तीव्र गति देने में आईआईटी रुड़की से निकली प्रतिभाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि इसका जीवंत उदाहरण लखनऊ की मेट्रो रेल सेवा है, जिसका निर्माण आईआईटी रुड़की से निकले इंजीनियरों के निर्देशन में हुआ है। और आज लखनऊ मेट्रो विश्व की बेहतरीन मेट्रो रेल सेवाओं में से एक बन चुकी है।

श्री पाठक ने आई आई टी रुड़की के इंजीनियरों का आवाहन करते हुए कहा की देश के विकास के लिए आपकी ओर से आने वाले प्रस्तावों और सुझावों पर सरकार की तरफ से जो भी सहयोग होगा किया जायेगा। 

आईआईटी रुड़की पुरा छात्र संगठन लखनऊ चैप्टर की ओर से अतिथियों का स्वागत करते हुए संगठन के अध्यक्ष इंजीनियर अनुज वार्ष्णेय ने कहा की बीते दो दिनों में हम पुराछात्रों ने प्रदेश के सुनियोजित विकास की राह में रोड़ा बनने वाले कई मुद्दों पर चर्चा की है। जल्दी ही संगठन की ओर से इनके सुधार के लिए कार्ययोजना का प्रस्ताव बनाकर सरकार को सौपा जायेगा। आज के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण किस्सागो हिमांशु बाजपाई की प्रस्तुति रही जिसमे उन्होंने किस्सागोई शैली में लखनऊ के नवाबों की रोचक कहानियां सुनाई जिसे लोगों ने बड़े ही चाव से सुना और सराहा।

आईआईटी रुड़की के पुराछात्रों को लखनऊ के इतिहास और आजादी के आंदोलन में इसके योगदान से परिचित कराने के लिए हेरिटेज वॉक और लखनऊ मेट्रो के भ्रमण का भी आनंद लिया। इसके पूर्व बीती रात्रि को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में वरिष्ठ आईआईटीयंस ने जमकर धमाल मचाया। सांस्कृतिक प्रोग्राम की परिकल्पना एवं निर्देशन वरिष्ठ रंग कर्मी गोपाल सिन्हा ने किया जो की आईआई टी रूढ़की के 1973 बैच के छात्र रहे हैं। 

डीआरएम लखनऊ सुरेश सापरा ने साठ के दशक के पुराने फिल्मी गीतों की धुन छेडकर माहौल बनाया तो वहीं उनकी पत्नी नीतू सापरा ने धमाकेदार नृत्य प्रस्तुति देकर सभी का दिल जीता। सचिव संस्कृति विभाग इंदु सिन्हा और उनकी टीम ने आज़ादी के अमृत उत्सव पर आधारित नृत्य नाटिका का मंचन कर लोगों को भाव विभोर कर दिया, तो वहीँ जे पी असोसिएट्स के सी इ ओ एवं 1983 बैच के इंजिनियर आलोक गौर ने विलुप्त हो रहे वाद्य यन्त्र मॉउथ ऑर्गन पर सुरीली धुनें छेड़ी। 


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