भारत की वित्तीय सहायता से श्रीलंका के 3 द्वीप होंगे रोशन


भारत की आर्थिक सहायता से श्रीलंका के जाफना क्षेत्र में आने वाले तीन द्वीपों पर ऊर्जा प्रणालियों के कार्यान्वयन के लिए शुक्रवार को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। तीन द्वीपों की उर्जा जरूरतों को पूरा करने वाली इस परियोजना के लिए श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा और बिजली एवं ऊर्जा राज्य मंत्री इंदिका अनुरुद्ध की उपस्थिति में श्रीलंका सतत ऊर्जा प्राधिकरण और मैसर्स यू सोलर क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस के प्रतिनिधियों ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा भारत: एक प्रतिबद्ध भागीदार। उच्चायुक्त संतोष झा और राज्य मंत्री इंदिका अनुरुद्ध जाफना के नैनातिवु, अनालाईतिवु और डेल्फ़्ट द्वीपों में हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के अनुबंध पर हुए हस्ताक्षर के गवाह बने। भारत की यह अनुदान परियोजना 3 द्वीपों के लोगों की ऊर्जा आवश्यकताओं को संबोधित करती है।

भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा इसका उद्देश्य तीन द्वीपों के लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है, जिसे भारत सरकार से अनुदान सहायता के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। हाइब्रिड परियोजना क्षमताओं को ऑप्टिमाइज करने के लिए सौर और पवन सहित ऊर्जा के विभिन्न रूपों को जोड़ती है। भारत सरकार की यह परियोजना तीन द्वीपों के उन लोगों के लिए है, जो अभी तक राष्ट्रीय ग्रिड की सुविधा से वंचित रहे हैं।
बता दें कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों में श्रीलंका की मदद के लिए अग्रसर है। भारत सरकार का समग्र विकास साझेदारी पोर्टफोलियो 5 अरब अमेरिकी डॉलर का है, जिसमें लगभग 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर अकेले अनुदान के रूप में हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र की 1990 सुवासेरिया आपातकालीन एम्बुलेंस जैसी अनुदान परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि जरूरतमंदों को घर प्रदान करने वाली भारतीय आवास परियोजना अपने तीसरे और चौथे चरण में है। श्रीलंका विशिष्ट डिजिटल पहचान परियोजना भी कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है। (रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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