स्वस्थ शरीर के लिए मुख का स्वस्थ रहना जरूरीः डॉ निखिल श्रीवास्तव

  • विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस पर डॉ. निखिल श्रीवास्तव ने बताए दांतों को स्वस्थ रखने के उपाय

डॉ. निखिल श्रीवास्तव

लखनऊ। विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सुभारती डेन्टल कॉलेज के प्राचार्य एवं देश के जाने माने दंत चिकित्सक डॉ. निखिल श्रीवास्तव ने मुख स्वास्थ्य दिवस पर देशवासियों को मुख स्वास्थ्य के लिए सचेत किया। उन्होंने मुख की बीमारियों से बचने हेतु उपाय बताए। डॉ निखिल ने बताया कि मुख स्वास्थ्य दिवस को मनाने का उद्देश्य जन साधारण को मुख स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि एफडीआई के अनुसार बुजुर्गों के मुख में अपने अंतिम समय में कम से कम 20 दांत हो तभी उनको मौखिक रूप से स्वस्थ माना गया। बच्चों में कम से कम 20 दूध के दांत हो। एक आम व्यस्क के मुख में कुल 32 दांत एवं जीरो कैविटी होनी चाहिये। उन्होंने बताया कि इस बार 2024 में विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस का विषय ‘एक खुश मुख एक खुश शरीर‘ रखा गया है। 

उन्होंने जागरूकता प्रदान करते हुए कहा कि मुह में कई ऐसी बीमारियां एवं कीटाणु होते है जो शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करते है, जैसे हृदय, जोड, फेफड़े एवं पाचन तंत्र इत्यादि। जैसा कहा जाता है कि मुख शरीर का द्वार है और इसलिए यदि मुख स्वस्थ एवं खुश नही है तो शरीर खुश या स्वस्थ नही रह सकता। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आज दुनिया में 350 करोड़ से ज्यादा लोग दांतों एवं मुंह की बीमारियों से ग्रस्त है जिनका मुख्य कारण मुख एवं दांतों की देखभाल न करना, मीठे पदार्थों का अधिक सेवन, तम्बाकू एवं सिगरेट का सेवन, ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में दांतों के डॉक्टर का अभाव एवं जनसाधारण मे मुख स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का न होना इत्यादि शामिल है। इन वजहों से आम आदमी के दांतों में दर्द, मसूड़ों एवं जीभ में सूजन, खाने एवं बोलने में परेशानी होती है और इसका सीधा असर मनुष्य के आत्मविश्वास, शारीरिक एवं मानसिक विकास पर पडता है। क्योकि हमारा मुख हर तरह से हमको प्रभावित करता है। कैसे हमको दिखना है, कैसे बोलना है और कैसे खाना है। ये सभी इन बातो पर निर्भर करता है कि आपका मुंह कितना स्वस्थ है। हम ये कह सकते है कि आपका मुख आपके आत्मविश्वास को दर्शाता है और आपके व्यक्तित्व को निखारता है।

उन्होंने बताया कि दांतों की बीमारियां जैसे मसूड़ों में सूजन, कीड़ा लगना, दांतों का टेढा मेढा होना तथा मुख से दुर्गन्ध आना इत्यादि है। जहाँ एक तरफ दांतों में कीड़ा लगने से दर्द के साथ कई बार दांत निकलवाने भी पडते है वही मुख से दुर्गन्ध आने की वजह से आप को सामाजिक शर्मिंदगी का भी सामना करना पडता है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर सुभारती डेन्टल कॉलेज द्वारा हर साल विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, जिनमे स्कूलों एवं समाज में दन्त एवं मुख चेकअप कैंप, जागरूकता अभियान एवं रैली, डॉक्टर के टीवी, रोडियो व समाचार पत्रों में लेख एवं सरकार द्वारा उठाये जा रहे अनेकों कदम शामिल है।

डॉ निखिल श्रीवास्तव ने बताया कि दांतों को स्वस्थ रखने के पांच 5 स्वर्णिम नियम है जिससे अपने मुख स्वास्थ्य को अच्छा रखा जा सकता है। 

  1. प्रतिदिन 2 बार 2 मिनट फ्लोराइड युक्त मंजन से ब्रश करना। 
  2. खाना खाने के बाद पानी से कुल्ला करना एवं दिन भर पानी पीते रहना। 
  3. रेशे व विटामिन युक्त भोजन का सेवन करना। 
  4. दिन भर कुछ न कुछ खाते रहने की आदत को बंद करना। 
  5. हर 6 महीने पर किसी डेन्टल के डॉक्टर से जांच करवाना।

उन्होंने विशेष बताया कि सुभारती डेन्टल कॉलेज मुख चिकित्सा में उत्कृष्टता से कार्य कर रहा है और मुख की हर प्रकार की बीमारी का उपचार आधुनिक दंत चिकित्सा सुविधा के साथ अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है।

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