किसान हों जागरूक, सरकार की योजनाओं का उठाएं लाभ : अरुण कुमार

  • किसान अपने अधिकारों से अपना व कृषि का करें संरक्षण : डॉ सत्यप्रकाश
  • किसान देश के रीढ़ की हड्डी के समान है : डॉ वैभव 

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलेज एवं भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में जानी ब्लॉक स्थिति ग्राम भूपगढ़ी में ‘पौधों की किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण‘ विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ जीके थपलियाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शल्या राज ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम को किसानों के हित में बताते हुए पौधों की किस्म व कृषक अधिकार के प्रति सभी को जागरूकता होने की अपील की।  

साइंस कॉलेज के कम्प्यूटर विभागाध्यक्ष डॉ शशिराज तेवतिया ने अपने स्वागत भाषण में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के पदाधिकारियों, क्षेत्र के किसान व प्रतिनिधियों, ग्रामीण तथा विद्यार्थियों का अभिनंदन किया। सभी अतिथियों का स्वागत पौधा भेंट कर किया गया तथा सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा पौधा भेंट करने की परम्परा से सभी को अवगत कराया गया।

एडवोकेट डॉ सत्यप्रकाश ने किसानों को उनके अधिकार से रूबरू कराते हुए कहा कि किसानों के परिवारों और समुदायों द्वारा फसलों का चयन, विकास और संरक्षण किया जाता है। अनेक बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों द्वारा इन संसाधनों का उपयोग उच्च उपज की किस्मों को विकसित करने में किया जाता हैं। ये कंपनियां भारी मुनाफा कमाती हैं परंतु किसानों को लाभ में हिस्सा नहीं देती हैं। उन्हें सरकार द्वारा किसानों के उत्थान हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि जागरूकता के साथ किसान अपने अधिकारों से अपना व कृषि का संरक्षण कर सकते है। उन्होंने कहा कि किसानों की सुरक्षा के लिए सरकार ने अधिनियम बनाए हुए है जिनके अंतर्गत किसान अपनी व फसल की सुरक्षा प्राप्त कर सकते है।

कार्यक्रम संयोजक व सुभारती लॉ कॉलेज के डीन डॉ वैभव गोयल भारतीय ने पौधों की किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण के विषय पर सभी को जागरूकता प्रदान की। उन्हांने कहा कि भारत संरचनात्मक दृष्टि से गांवो का देश है और सभी ग्रामीण समुदायों में अधिक मात्रा में कृषि कार्य किया जाता है, इसीलिए किसान देश के रीढ़ की हड्डी के समान है।

उन्होंने फसल सुरक्षा और जैव विविधता संरक्षण का महत्व, किसानों के अधिकारों और बौद्धिक संपदा से संबंधित कानूनी पहलू पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैव-विविधता कृषि पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ रोगरोधी तथा कीटरोधी फसलों की किस्मों के विकास में सहायक होती हैं। उन्होंने किसानों के अधिकारों के बारे में कहा कि किसानो के अधिकारों के संरक्षण हेतु भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम 2001 के द्वारा ‘‘पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण‘‘ अस्तित्व में आया। उन्होंनें अधिनियम 2001 के सबसे महत्वपूर्ण गुण किसानों को दिये गयें विशेषाधिकारों के बारें में विस्तार से सभी को रूबरू कराया। साथ ही उन्होंने भारत सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना आदि से सभी को जागरूक किया। 

उन्होंने बौद्धिक संपदा संबंधित कानूनी पहलू के बारे में बताया कि किसी भी फसल या उत्पादन के स्वामित्व के रूप में उसकी नैतिक और भौतिक हितों की सुरक्षा का अधिकार है। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलेज देश व समाज के हर वर्ग हेतु विधिक जागरूकता प्रदान कर रहा है। इसी दिशा में किसानों को उनके अधिकार से रूबरू कराने हेतु यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान व कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव से किसानों का ज्ञान वर्धन किया है।

भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की ओर से प्रतिनिधि अरूण कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित किसानों के विभिन्न सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत करते हुए उनकी समस्या का समाधान बताया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों के हित में विभिन्न योजनाएं चला रही है ताकि हर स्तर से किसान की मदद हो सकेंं। उन्होंने कहा कि किसान जागरूक होकर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाए। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज द्वारा किसानों के हित में आयोजित किये गए सफल कार्यक्रम की बधाई दी।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग से डॉ प्रमोद कुमार व डॉ. संगीता एवं कृषि विभाग से डॉ. अमित कुमार, लॉ कॉलेज से डॉ. प्रेमचन्द, डॉ विकास ने पौधों की किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण पर अपने संबोधन में विस्तार से प्रकाश डालते हुए सभी को जागरूकता किया। 

साथ ही क्षेत्र के किसान राजकुमार, अशोक पंवार, कृष्णपाल चिकारा, विवेक तेवतिया ने कृषि से सम्बंधित अपने अनुभव व विचारों को प्रकट किया। कार्यक्रम में लॉ कॉलेज, वनस्पति विज्ञान विभाग व कृषि विभाग के विद्यार्थी शामिल रहे।

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