पहुना होली तापै आयो जनकपुर मां….

  • संगीत भवन में हुई फागोत्सव की बैठकी


नागरिक सत्ता, लखनऊ। ओ रे भाई फागुन लगेचे बोने बोने जैसे बांग्ला होली गीतों के साथ अवधी, ब्रज व भोजपुरी के पारम्परिक गीतों से होली की बैठकी गुलजार हुई। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा फागोत्सव के अन्तर्गत चल रही संगीत बैठकी के तीसरे दिन शुक्रवार को गोमतीनगर के विवेक खण्ड-4 स्थित संगीत भवन परिसर में हुरियारों ने जमकर फाग गाया तथा एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनायें दीं।

कार्यक्रम की शुरुआत सौम्या गोयल ने ‘कन्हैया संग चलो गुईयां आज खेलें होली’ से की। संगीत भवन की निदेशक निवेदिता भट्टाचार्य एवं अंतरा के निर्देशन में हुरियारों ने बांग्ला, ब्रज, अवधी और भोजपुरी फाग गीतों से माहौल को फागुनी बनाया। गीतकार सौरभ कमल ने पहुना होली तापै आयो जनकपुर मा सुनाया। कलाकारों में सौम्या गोयल, सोनिया धर्मपाल, शिल्पी साहू, सुमन मिश्रा, नेहा प्रजापति, स्नेहा, किंजल, नव्या दवे, संस्कृति, मिहिका गांगुली, अविका गांगुली, शीर्षा अग्रवाल, अम्या सिंह, आद्रिका मिश्रा, अथर्व श्रीवास्तव, अव्युक्ता, कर्णिका सिंह, अनिष्का सर्राफ, गुनाश्री आर, वानी सिन्हा, सीमा सर्राफ, विवान दवे, शिवान, सम्यक, शिनॉय आदि प्रमुख रहे। इस अवसर पर संस्कृतिकर्मी बाबू सिंह सिसौदिया, डा एसके गोपाल सहित अन्य मौजूद रहे।

लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि हमारी समृद्ध लोक संस्कृति में बसन्त से शीतलाष्टमी तक कुल चालीस दिन फाग गाने की परम्परा रही है। लुप्त हो रही होली बैठकी परम्परा को आगे बढ़ाने की दृष्टि से संस्थान द्वारा नौ दिवसीय फागोत्सव के तहत अलग अलग स्थानों पर फाग बैठकी की जा रही है। शनिवार की सायं पत्रकारपुरम स्थित लिटिल चैंप्स स्कूल में होली की महफ़िल सजेगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही