विधायिका और कार्यपालिका को सीमा में रहकर कार्य करते रहना चाहिए: सतीश महाना
- विधानसभा अध्यक्ष ने ‘संवाद कार्यक्रम’ के तहत पश्चिमी क्षेत्र के विधायको को सम्बोधित किया
नागरिक सत्ता, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने आज यहां क्षेत्रवार हो रहे ‘संवाद कार्यक्रम’ के तहत पश्चिमी क्षेत्र के विधायको को संबोधित करते हुए कहा कि विधायक किसी का अपमान नही करना चाहते हैं लेकिन अपना सम्मान भी चाहते हैं। विधायिका और कार्यपालिका को अपनी सीमा में रहकर हमेशा अपना काम करते रहना चाहिए। श्री महाना ने सुझाव दिया कि विधायक एक दूसरे का सम्मान करें चाहे वह विपक्ष का विधायक हो अथवा सत्ता पक्ष का।
उन्होंने फिर दोहराया कि विधानसभा के आगामी सत्र में सदन जितने दिन भी चले सदस्यों की उसमें भागीदारी बराबर बनी रहनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बराबर प्रयास करते रहना चाहिए क्योंकि यह एक सतत प्रक्रिया है और यह कभी खत्म नहीं होती है। श्री महाना ने कहा कि विधायिका की गरिमा तथा उसके अधिकारों को वापस दिलाने का प्रयास करता रहूंगा जो पिछले दो तीन दशकों से उसके हाथ से ले लिए गए।
श्री महाना ने कहा है कि विधायकों को बार बार चुनाव जीतना एक विधायक की छवि पर निर्भर रहता है। जनसामान्य में छवि के अनुरूप ही वोट मिलता है। अगर अपनी छवि के अनुरूप कार्य करते रहें तो लगातार चुनाव जीतते रहेंगे। श्री महाना ने कहा कि विधायिका की छवि बदलने का प्रयास कर रहा हूं। इस बात का दावा तो नहीं करता कि सब कुछ ठीक कर दूंगा लेकिन इस बात का पूरा विश्वास है कि भविष्य में इसमें सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेेगा।
संवाद कार्यक्रम में विधानसभा सदस्य शाहिद मंजूर ने कहा कि यदि आपके रहते विधायिका में सुधार नहीं हुआ तो भविष्य में फिर उम्मीद नहीं की जा सकती है। जीएस धर्मेश ने कहा कि यूपी विधानसभा में हो रही इस तरह की बैठकों ने देश की दूसरी विधानसभाओं में संदेश देने का काम किया है।
इस मौके पर डॉ मंजू शिवाच ने कहा कि हर छह महीने में विधायकों के सुझाव लिए जाने चाहिए। पंकज मलिक ने कहा कि आपने विधानसभा की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है। तेजपाल नागर ने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाए जाने पर जोर दिया। अनिल पाराशर ने विधानसभा वार नोडल अधिकारी की नियुक्ति किए जाने की जरूरत बताया। विधायक संजय कुमार ने कहा कि पहले जब चालू सत्र में ही विधानसभा अध्यक्ष से भेंट होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। कार्यक्रम में मंत्री बेबी रानी मौर्य और केपी मलिक के अलावा प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थिति थें।
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