लोकतान्त्रिक व्यवस्था में अपनी प्रतिभा और काबिलियत बल पर ही जीता जा सकता है चुनाव: सतीश महाना

  • विधानसभा अध्यक्ष ने कृषि से जुड़े विधायकों के साथ संवाद स्थापित किया 

  • जनता से उतना ही वादा करिए जितना पूरा किया जा सके: सतीश महाना 

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने आज कृषि क्षेत्र से जुड़े विधायकों के साथ आयोजित कार्यक्रम में संवाद किया। उन्होंने ने कहा कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था में चुनाव एक बार तो जीत सकते हैं लेकिन कई बार सकारात्मक कार्यशैली और प्रतिभा दिखाकर ही चुनाव जीता जा सकता है। 

श्री महाना ने कहा कि बदलते समय में अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि पर उस क्षेत्र की जनता की पैनी निगाह रहती है। लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी ताकत होती है और विधायिका की उसके प्रति सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। 

श्री महाना ने कहा कि जनता से बढ़चढ़कर वादे न कीजिए काम कराने का, उतना ही वादा कीजिए जितना पूरा किया जा सकता हो। साथ ही यह भी कहा कि काम पूरा कराने की नहीं बल्कि काम को पूरा कराने के प्रयास की गारंटी दीजिए क्यांकि यदि जनता का काम पूरा नहीं करा पाए तो फिर उसका आपसे विश्वास उठ जाएगा। उन्होंने विधायकों को जनता का ज्यादा से ज्यादा काम कराने की प्रवृत्ति डालने का सुझाव दिया।

श्री महाना ने कहा कि ‘संवाद कार्यकम’ के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। पहले यूपी विधानसभा की चर्चा नहीं होती थी लेकिन यहां हो रहे बदलावों की चर्चा अब देश की दूसरी विधानसभाओं में भी हो रही है। हम सबको मिलकर यूपी विधानसभा के प्रति पुरानी धारणा को बदलने का प्रयास करना है। उन्होंने विधायकों को आश्वस्त किया कि यूपी विधानसभा में अभी और भी बदलाव देखने को मिलेंगे।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ दशकों से विधानसभा के प्रति उदासीनता का भाव था जिसे अब खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरे प्रदेशों में जहां भी दौरे पर जाता हूं, अपने विधायकों की प्रतिभा की चर्चा अवश्य करता हूं। यही कारण है कि अब यूपी विधानसभा की छवि में बदलाव हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि जनता की जरूरतों को एक विधायक से अधिक कोई नहीं जान सकता है। इसलिए कृषि क्षेत्र से जुडे विधायकों के अनुभव का लाभ जनता को दिलाने के लिए छोटे-छोटे समूहों का गठन करके उन्हें फूड प्रोसेसिंग कम्पनियों में भेजने पर विचार किया जाएगा। जिसका लाभ ऐसी कम्पनियों को भी मिलेगा। जल्द ही विधायकों के समूह बनाकर सम्बन्धित मंत्रियों और अधिकारियों के साथ भी समन्वय बैठकों का आयोजन किए जाने पर विचार किया जा रहा है।   

इस मौके पर विधायक चौधरी बाबूलाल ने कहा कि किसानों को जितनी सुविधा मिलेगी, प्रदेश उतनी ही उन्नति करेगा। यहां किसानों के आवश्यक संसाधनों की कमी को पूरा करने की आवश्यकता है। कई बार अधिकारियों की तरफ से विधायकों को सम्मान नही मिलता है जिससे जन समस्याओं को हल करने में असुविधा होती है। 

विधायक भूपेश चौबे ने कहा कि किसानों को विभागों के चक्कर लगाने पड़ते है। कुछ ऐसी व्यवस्था हो कि उन्हें परेशानी न हो। विधानसभा अध्यक्ष की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि इस बार विधायिका की गरिमा तथा महत्व बढ़ा है। जिससे हम विधायकों में आत्मविश्वास का भाव पैदा हुआ है।

विधायक राकेश सिंह ने कहा कि स्थानीय बिजली अधिकारी-कर्मचारी किसानों को परेशान कर रहे हैं। ये किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है जिसका समाधान आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों को विधानसभा की कार्यवाही को भी दिखाया जाना चाहिए। 

विधायक फहीम अंसारी ने कहा कि पहले भी विधायक रहा हूं पर इस बार विधानसभा में जो सम्मान मिला है। उसके लिए विधान सभा अध्यक्ष का बहुत आभारी हूं। उन्होंने प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। 

विधायक प्रवक्तानंद ने कहा कि बजट सत्र में जो कुछ हुआ उससे विधायिका का सम्मान बढ़ा है। यह भी कहा कि बिजली के स्थानीय अधिकारियों को किसानों को परेशान करने से रोका जाए। साथ ही नए विधायको के लिए एक ऐसा सेल बनाया जाए जिससे वह अपने सुझाव दे सके। 

विधायक योगेश शुक्ला ने कहा कि विधानसभा का जो गौरव बढ़ा है इसके लिए हम सब आपके आभारी हैं। सुझाव दिया कि सहकारिता और कृषि विभाग मिलकर काम करे तो किसानों को काफी राहत मिलेगी। 

विधायक राजपाल सिंह बालियान ने बिजली को लेकर स्थानीय अधिकारियों की तरफ से किसानों को परेशान करने की बात रखी। विधायक प्रभु नारायण सिंह, अनिल सिंह, प्रसन्न कुमार, अनिल कुमार, सुरेश्वर सिंह, सदस्यों ने भी किसानो के लिए बिजली सप्लाई एवं सिचाई व्यवस्था के साथ कृषि विपणन को लेकर अपनी बात रखी। इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी भी उपस्थित रहे।


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