सतीश महाना ने गिनाई उपलब्धियां कहा नयी विधानसभा का निर्माण जल्द शुरू होगा

  • ई-विधान लागू होने से आम जनता भी यूट्यूब पर देख रही  की कार्यवाही: सतीश महाना

  • देश के सभी विधान मंडलों में हो रही है ई-विधान की चर्चा एवं प्रशंसा 

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। उत्तर प्रदेश का 18वीं विधानसभा का एक वर्ष 29 मार्च को सफलतापूर्वक पूर्ण हो गया है। इस एक वर्ष के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के नेतृत्व में उतर प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा में बदलाव की नई इबारत लिख रहा है। कानपुर से लगातार 8 बार निर्वाचित होने वाले नेता सतीश महाना ने एक विशिष्ट छवि निर्मित की है और ऐसे ऐतिहासिक आयाम स्थापित किये हैं जिसकी प्रशंसा देश की समस्त विधान मण्डलों में हो रही है। जो उत्तर प्रदेश की विधानसभा के लिए हर्ष एवं गौरव का विषय है। विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश में नयी विधानसभा बनने एवं निर्माण कार्य जल्द ही शुरू करने की घोषणा की।

अपने संसदीय जीवन के दीर्घ अनुभव से उत्तर प्रदेश जैसी वृहद विधान सभा के चुनौती पूर्ण, निष्पक्षता एवं न्यायपूर्ण ढंग से सदन का संचालन करते हुए सतीश महाना ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 403 सदस्यों की यह विधान सभा विभिन्न सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है। अट्ठारहवीं विधान सभा का प्रथम बजट सत्र ई-विधान प्रणाली से संचालित हुआ। ई-विधान योजना के अन्तर्गत सभी सदस्यों के पटल पर टच स्क्रीन डिवाइस स्थापित कराई गई जिससे सभी सदस्यों को सदन की कार्यसूची, सूचनाएं, प्रश्न-उत्तर, समस्त समितियों के प्रतिवेदन इत्यादि डिजिटल माध्यम से प्राप्त हो सकें। इसके अतिरिक्त सभी प्रश्न शासन के विभागों को आनलाइन प्रेषित किए गए व उत्तर आनलाइन प्राप्त किए गए। विधायिका को पेपरलेस किये जाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। एक वर्ष के कार्यकाल में 4 सत्र सम्पन्न हुए जिनमें मात्र छत्तीस मिनट का ही व्यवधान रहा। साथ ही प्रश्नों की ऑनलाइन प्रक्रिया में प्रश्न की सूचना सप्ताह में सातों दिन चौबीस घण्टे लिए जाने की व्यवस्था की गई है जो पूर्व में नहीं थी।

श्री महाना ने कहा कि सदन की कार्यवाही देर रात 12 बजे एवं उसके उपरान्त तक सम्पन्न हुई। कम उपवेशन होने के बाद भी सदन में जनहित के विषयों पर अधिक से अधिक चर्चा हो सकी और सारे कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हुए। सदन की कार्यवाही के दौरान सदस्यों को उनके जन्मदिन के अवसर पर सदन में बधाई देने तथा उनके संक्षिप्त जीवन परिचय पढ़े जाने की नवीन परंपरा स्थापित की गई।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही देखने के लिए छात्र-छात्राओं व्यापारियों एवं शिक्षाविदों कई दलों ने विधानसभा का भ्रमण किया। उत्तर प्रदेश विधान सभा में सभी सदस्यों से एक वर्ष की अवधि में इंजीनियरिंग, चिकित्सा, तकनीकी एवं प्रबन्धन, विधि के उपाधि धारक, व्यवसाय, कृृषि आदि विभिन्न विधाओं में पारंगत सदस्यों, महिला सदस्यों, युवा तथा वरिष्ठ सदस्यों को अलग-अलग समूहों में आमंत्रित कर संवाद एवं चर्चा की नई पहल की गई ताकि उनके अनुभव से सदन को लाभ प्राप्त हो सके।

श्री महाना ने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के समवेत् उपवेशन को सम्बोधित किया। यह उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के लिए यह ऐतिहासिक व गौरवशाली पल था। इस एक वर्ष में विधानभवन में विधायी डिजिटल वीथिका का लोकार्पण किया गया। विधायी डिजिटल वीथिका के माध्यम से उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की वर्ष 1887 में स्थापना से लेकर अब तक के सम्पूर्ण विधायी इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को डिजिटल प्रारूप में देखा जा सकता है। 

श्री महाना ने कहा कि विधानसभा के सदस्यों की गरिमा को बनाए रखने के लिए विशेषाधिकार से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण प्रकरण में निर्णय देते हुए दोषी अधिकारियों एवं कर्मियों को एक दिन के कारावास का दण्ड दिया गया। केशव सिंह प्रकरण के पश्चात् यह दूसरा अवसर था जिसमें सदन की गरिमा को सर्वोपरि मानते हुए दोषियों को कारावास का दण्ड दिया गया।



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