यमुनोत्री में विराजमान हुई यमुमना जी की भोग मूर्ति, श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे दर्शन



उत्तरकाशी (ना.स.)। विश्व प्रसिद्ध त्रिमूर्ति धाम के कपाट आज 12ः15 पर बिना श्रद्धालुओं के खोल दिया गया है। श्रद्धालु अभी दर्शन नहीं कर सकेंगे। मां यमुना की डोली आज प्रातः शीतकालीन प्रवास खरसाली अपने भाई शनिवार महाराज के साथ यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। यमुनोत्री मे पहली पूजा पीएम मोदी के नाम से की गई।

मां यमुना की डोली यमुनोत्री पहुंचने के बाद तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां यमुना की पूजा अर्चना करने के बाद यमुनाजी की भोग मूर्ति 12ः15 पर अभिजीत मुहूर्त के अनुसार यमुनोत्री मन्दिर के गर्व गृह में स्थापित कर दिया है। जहां अगले 6 महीने तक मां यमुना की पूजा अर्चना विधिवत चलती रहेगी, लेकिन इस वर्ष भी वैश्विक कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालु मां यमुना के तीर्थ उद्घाटन के मौके पर श्रद्धालु उपस्थित नहीं हो सके मात्र प्रशासन द्वारा 25 लोगों को ही परमिशन दी है। यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पवन उनियाल ने बताया कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने पीएम मोदी की ओर से यमुनोत्री में पहली पूजा के लिए 1101 की धनराशि दी, जिसे यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के खाते में ट्रांसफर किया गया। इस दौरान तीर्थ पुरोहित सहित उप जिलाधिकारी बड़कोट चतर सिंह चैहान उपस्थित रहे है।

इधर मां गंगा की डोली भी अपने शीतकालीन प्रवास मुखवा से गंगोत्री के लिए रवानगी हो गई है। माँ गंगा की भोग मूर्ति आज रात्रि भैरवघाटी स्थित भैरव मंदिर में प्रवास करेगी।कोविड के फैलते संक्रमण को देखते हुए दोनों धामों में 25-25 तीर्थ पुरोहित ही जलसे में शामिल हुये तथा दर्शनार्थियों को भी कोविड के कारण दर्शन नही कर सके। गंगोत्री में गंगा की डोली के साथ मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, राजेश सेमवाल ,रविंद्र सेमवाल सहित अन्य तीर्थ पुरोहित एवं प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे है।


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