भारत छोड़ो आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत की ता‍बूत में आखिरी कील: अलका सिंह

देवरिया। देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश मे विभिन्न प्रकार के आयोजन करके आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले वीर सपूतों को नमन किया जा रहा है। इसी के तहत भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर भाजपा नगर मंडल के कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका परिषद के परिसर में स्थित महात्मा गांधी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया और आजादी की लड़ाई में उनके उनके योगदान को याद किया।

इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन को आज़ादी से पहले भारत का सबसे बड़ा आंदोलन माना जाता है।महात्मा गांधी के आह्वान पर देश भर में लाखों भारतीय इस आंदोलन में कूद पड़े थे। देश भर में जेलें क़ैदियों से भर रहीं थीं।इस भूमिगत आंदोलन ने ब्रिटिश शासकों को चौंका दिया था। लाखो लोगो ने इस आंदोलन में भाग ले इसे आगे बढ़ाया और भारत में आज़ादी का अलख जगाया। भारत छोड़ों' नारे ने समूचे भारत में लोगों को प्रभावित किया और वो अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ अंतिम लड़ाई में कूद पड़े। ये आंदोलन ही अंग्रेजी हुकूमत की ता‍बूत में आखिरी कील साबित हुआ।

नगर अध्यक्ष भाजपा संजय पाण्डेय ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन देश में हुई एक सामूहिक सविनय अवज्ञा थी जिसके बाद अंग्रेजों के पैर भारत से उखड़ गए।भारत छोड़ो आंदोलन इतिहास का एक ऐसा पन्ना है जो हम सभी भारतवासियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस घटना की वजह से आज हम अपने देश में सुकून की सांस ले पा रहे है। 

इस दौरान अम्बिकेश पाण्डेय, एडवोकेट अमित कुमार दूबे, गोविन्द चौरसिया, आशुतोष तिवारी, आशीष गुप्ता, अमित मिश्र, अश्वनी मणि बजरंगी, शुभम मणि त्रिपाठी, राजन मल्ल, सेराज अहमद, श्याम सुंदर कन्नौजिया, अजय गुप्ता आदि रहे।


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