विधानसभा अध्यक्ष ने महिला विधायको के साथ संवाद स्थापित किया

  • सतीश महाना ने महिला विधायको को जनता की आवाज सदन में उठाने और कार्यवाही की तकनीकी बातें से अवगत कराया 
  • महिला विधायको ने विधानसभा में हो रहे बदलाव की सराहना की

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना सदन के सदस्यों के साथ अलग-अलग ग्रुप बनाकर इन दिनों ‘संवाद कार्यक्रम’ कर रहें है। इसी श्रृखला में उन्होंने राजधानी लखनऊ के होटल में 18वीं विधान सभा के लिए निर्वाचित महिला सदस्यों के साथ आज करीब तीन घण्टे सेे अधिक समय तक चले कार्यक्रम में संवाद स्थापित किया। कार्यक्रम में सभी महिला सदस्यों ने अपनी बातें का जवाब उन्होंने बहुत बारीकी से दिया।

महिला विधायको को संबोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि आप सभी को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि वे बार-बार चुनाव जीत कर विधानसभा में आयें, और जनसेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करें। विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते आपको पीछे करने की कोशिश की जायेगी लेकिन आप निडर होकर समाज को दिशा देने का काम करें। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि महिला विधायकों की संख्या कम हो सकती हैं पर उनकी जिम्मेदारी कम नही हो सकती है। श्री महाना ने विधान सभा की कार्यवाही की तकनीकी बातों से उन्हें अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि विधायको के बारे में आम राय रहती है कि सदन खत्म होते ही उनका काम खत्म हो जाता है। लेकिन ऐसा नही है। जनता के प्रति हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। इस बात का आप सबको पूरा ख्याल रखना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि महिला सदस्यों की जिम्मेदारी अधिक होती है क्योंकि उन्हें कई तरह की भूमिकाएं निभानी होती है। एक महिला सदस्य के सवाल के जवाब में विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि यदि अधिकारी गुमराह करने की कोशिश करे तो आप अपनी योग्यता से और तर्कपूर्ण ढ़ग से अपनी बात उनसे कहें।

श्री महाना ने कहा कि कोई काम असंभव नहीं होता है। इसलिए अपने क्षेत्र के काम के लिए सदन में सवाल उठायें। उन्होंने सुझाव दिया कि महिला सदस्य जनता के हित के लिए मंत्रियों को पत्र लिखें और उसका जवाब न मिलने पर इसे विधानसभा में उठाने का काम करें, तभी अधिकारियों पर दबाव बनेगा। जितने अधिक प्रश्न लगाये जायेंगे उतनी ही अधिकारियों के सामने आपकी धमक बनेगी।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन विधायकों के भी नाम गिनाए जो लगातार चुनाव जीतकर आ रहे हैं। ऐसे विधायकों से प्रेरणा लेने का काम करें। सदन में हर महिला सदस्य को बोलना चाहिए। इसके लिए जल्द ही एक दिन ऐसा निर्धारित किया जायेगा जिसमे केवल महिला सदस्यों को ही बोलने का मौका मिलेगा। जो महिला सदस्य नही बोलेंगी उनसे भी बोलने का आग्रह किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी बड़ा नेता तभी बन सकता है जब वह विधानसभा की कार्यवाही में अधिक से अधिक हिस्सा ले। यदि कुछ सीखना है तो सुषमा स्वराज जी के भाषण सुनिए। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इस मौके पर श्री महाना ने कहा कि सदन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इस लिए जब भी सीखने का अवसर मिले तो चूकना नहीं चाहिए।

विधायक अनुपमा जायसवाल ने विधानसभा में हो रहे बदलाव की सराहना करते हुए कहा कि चाहे वह ई-विधानसभा की बात हो अथवा सदन के सदस्यों के जन्म दिन मनाने की बात हो। एक से एक नए कामों से इस बार विधानसभा सदस्यों में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है। अपने कानपुर के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि एक चुनावी रैली में किसी ने उनसे कहा था कि ‘बहुत मुश्किल होता है, महाना होना,’ यह बात बिल्कुल सही है, मेरी कामना है कि महाना जी आप और महान बने।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि अध्यक्ष जी के इस प्रयास से हम सब बहनों को एक जगह मिलने का अवसर मिला है। आराधना मिश्र ने सलाह दी और कहा कि जमीन पर काम करके ही राजनीति में आगे बढ़ा जा सकता है क्योंकि जनता के हर एक वोट की जिम्मेदारी आप पर होती है। यदि जनता को अपने नेता पर विश्वास है तो वह हर बार आपको सदन भेजने का काम करती रहेगी। राजनीतिक क्षेत्र में कई मौकों पर अपनी संवेदनाओं को भी किनारे रखकर जन सेवा करनी होती है।

विधायक कृष्णा पासवान ने कहा कि यह जो नई परम्परा है इसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। पहली बार किसी विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित कर महिला विधायकों को प्रोत्साहित करने का काम किया है। प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि जनता के साथ घुल मिलकर काम करते रहे तो वह आपके साथ खड़ी रहेगी। हम महिला सदस्यों को आत्मविश्वास के साथ काम का जज्बा होना चाहिए। विधायक रानी पक्षालिका सिंह ने कहा कि पिछले विधानसभा में तो कुछ ज्यादा नहीं सीख पाई पर इस बार काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। डॉ रागिनी ने कहा कि अध्यक्ष जी हम लोगों को वह गुणसूत्र दे जिसके कारण आप लगातार एक ही क्षेत्र से आठ बार चुनाव जीत रहे हैं।

कार्यक्रम में अन्य महिला सदस्यों में अर्चना पाण्डेय, अलका सिंह, आश मौर्या, केतकी सिंह, सरिता भदौरिया, इन्द्राणी देवी, उषा मौर्य, डॉ पल्लवी पटेल, विजमा यादव, सरोज कुरील, रश्मि आर्या, रेखा वर्मा, सलोना कुशवाहा, सरोज सोनकर, मनीषा अनुरागी, डॉ मंजू शिवाच, विजय लक्ष्मी गौतम, पूनम शंखवार, महाराजी प्रजापति, गीता शस्त्री आदि ने अपने-अपने विचार साझा किये। इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने महिला सदस्यों के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।


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