उप-चुनावः सबसे मजबूत राजनैतिक कैरियर है सपा प्रत्याशी ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी का

 



अरुण कुमार राव


देवरियाः 17 अक्टूबर, 2020
सदर विधानसभा क्षेत्र के लिए घोषित चार प्रमुख दलों सपा, बसपा, कांग्रेस व भाजपा के सभी प्रत्याशी ब्राह्मण हैं। इस सभी ब्राह्मण प्रत्याशियों में सपा प्रत्याशी का राजनैतिक रिकार्ड बहुत बढ़िया रहा है। इस चुनाव मे जीत का सेहरा किसके सर बंधता है यह 10 तारिख को पता चलेगा।



कांग्रेस प्रत्याशी मुकुंद भाष्कर मणि त्रिपाठी पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, वही उन्हे अपनी ही पार्टी का विरोध झेलना पड़ रहा है। कांग्रेस पाटी देवरिया की बैठ में एक कांग्रेसी महिला नेत्री ने बलात्कारी होने का आरोप लगा दिया। और बैठक में काफी हंगामा हुआ यहां तक की कांग्रेस प्रत्यासी के समर्थकों ने उक्त महिला के साथ मारपीट भी की जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खुब वायरल हुआ।



बसपा ने अभय नाथ त्रिपाठी को दुसरी बार अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वे इसके पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाया था। अभय नाथ त्रिपाठी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद छात्र राजनीति शुरू की। कुछ दिन राजस्व विभाग में उन्होंने देवरिया में नौकरी भी की। समाज सेवा के लिए उन्होने नौकरी से वीआरएस लेकर राजनीति में प्रवेश किया और वर्ष 2017 में अपना भाग्य आजमाया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। अभयनाथ त्रिपाठी सिविल कोर्ट में अधिवक्ता भी हैं। बसपा ने उन पर भरोसा जताते हुए फिर प्रत्याशी बनाया है।



भाजपा प्रत्याशी डाॅ सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी देवरिया के संत विनोबा पीजी कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। वे पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। हालाकि उनका राजनैतिक कैरियर 20 वर्ष पुराना है। पार्टी के प्रति उनका लगातार 20 वर्षों का समर्पण ही उन्हें उपचुनाव में टिकट का सेहरा पहनाया है। सत्य प्रकाश एक ऐसे परिवार से आते हैं, जिसमें राजनीतिक सदस्य भी रहे हैं। अधिकतर पारिवारिक सदस्य शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उनके भाई अमरकंटक विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। सत्य प्रकाश मणि का राजनीतिक सफर बीस साल पहले शुरू हुआ था। तब वे देवरिया से जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे। उन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया था। उनके पिता योगेन्द्र मणि त्रिपाठी देवरिया के बैतालपुर के ब्लॉक प्रमुख थे। जिला पंचायत सदस्य रहने के बाद सत्य प्रकाश मणि ने 2001 में संत विनोबा पीजी कॉलेज में मानदेय पर पढ़ाना शुरू किया. 2003 में वे नियमित हो गए। पठन पाठन के साथ वे राजनीतिक काम भी करते रहे। इस बीच उन्हें पार्टी संगठन में छोटी मोटी जिम्मेदारियां भी मिलती रहीं लेकिन अब पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है।  



इन सभी प्रत्याशियों में सपा प्रत्याशी ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी का राजनैतिक कैरियर बहुत उपर है। वे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव एवं अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। अभी तक श्री त्रिपाठी पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं। 69 वर्षीय ब्रह्माशंकर त्रिपाठी कुशीनगर जनपद के ग्राम पिपराझाम के मूल निवासी हैं। देवरिया के बीआरडीपीजी कॉलेज से बीएससी करने के दौरान श्री त्रिपाठी यहां छात्रसंघ अध्यक्ष भी चुने गए। इसके बाद उन्होंने एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। जब कुशीनगर जनपद देवरिया का हिस्सा था, तो उस समय श्री त्रिपाठी पहली बार 1989 के चुनाव में कसया विधानसभा क्षेत्र से जद के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इसी क्षेत्र से इसके पहले 1985 का चुनाव निर्दल प्रत्याशी के रूप में हार चुके थे। उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह भी श्री त्रिपाठी के बुलावे पर कुशीनगर आए थे और इनके पक्ष में प्रचार किया था। इसके बाद ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी 1991 के विधानसभा चुनाव में कसया विधानसभा क्षेत्र से ही भाजपा नेता सूर्य प्रताप शाही से चुनाव हार गए। उन दिनों प्रदेश में रामलहर चल रही थी। वर्ष 1993 में विधानसभा के मध्यावधि चुनाव में ब्रह्माशंकर त्रिपाठी सपा बसपा गठबंधन से कसया विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। उन्होंने इस चुनाव में भाजपा नेता सूर्य प्रताप शाही को हराया था इस दौरान देवरिया से अलग होकर कुशीनगर नवसृजित जनपद बन गया। इसके बाद 1996 के विधानसभा चुनाव में ब्रह्माशंकर त्रिपाठी सपा के टिकट पर कसया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए। इस चुनाव में भाजपा नेता सूर्य प्रताप शाही विजयी हुए। कसया विधानसभा क्षेत्र का दो तिहाई हिस्सा देवरिया जिले में तथा एक तिहाई हिस्सा कुशीनगर जनपद में पड़ता था। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी कसया विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सूर्य प्रताप शाही को चुनाव हराया। इस दौरान श्री त्रिपाठी मुलायम सिंह यादव की प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।


वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में कसया विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी पुनः चुनाव जीत गए। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सूर्य प्रताप शाही चुनाव हार गए। इसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन कराया। कसया विधानसभा क्षेत्र को खत्म कर कुशीनगर विधानसभा क्षेत्र का सृजन किया गया। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कुशीनगर विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी पुनः चुनाव जीते। इसके बाद अखिलेश यादव की सरकार में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बने। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कुशीनगर विधानसभा क्षेत्र के सपा प्रत्याशी ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी भाजपा के मोदी लहर में भाजपा प्रत्याशी रजनीकांत मणि त्रिपाठी से चुनाव हार गये। ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी पथरदेवा कांड की लड़ाई, गन्ना किसानों के आंदोलन एवं स्वास्थ्य तथा पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन के अगुआ के रूप में रहे हैं। ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी की पहचान जमीनी नेता के रूप में है। उनकी पकड़ युवा, बुजुर्ग, महिला व सभी तबके के लोगों के बीच है।


वहीं देवरिया विधान सभा क्षेत्र के विधायक स्व0 जनमेजय सिंह की रिक्त सीट पर उनके पुत्र अजय प्रताप सिंह ‘पिंटु‘ को भाजपा द्वारा टिकट न मिलने से उन्होने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया है। उनके पिता का देवरिया विधानसभा क्षेत्र में अच्छा खासा जनाधार रहा है। 


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