स्वास्थ्य प्रणाली में मिडवाइफरी के महत्व को बताया, वर्चुअल संवाद के माध्यम से स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया विमर्श


लखनऊः 22 अक्टूबर, 2020
सोसाइटी ऑफ मिडवाइफरी ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश ने वर्चुअल संवाद के माध्यम से राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान भारत में मिडवाइफरी को सक्रिय करने के बारे में विस्तार से विमर्श किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश की स्वास्थ्य प्रणाली में मिडवाइफरी के महत्व के बारे में जागरूक करना एवं मिडवाइफरी को सक्रिय बनाने के लिए क्या महत्वपूर्ण कदम उठाया जाये, इस पर चर्चा करना था। कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ. मनोमनी विकेट सलाहकार, सोसाइटी ऑफ मिडवाइफरी ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश ने किया। 


कार्यक्रम में चर्चा के लिए डॉ. रति बालाचंद्रन, ए.डी.जी. नर्सिंग विभाग, भारत सरकार, डॉ. टी. दिलीप कुमार अध्यक्ष, भारतीय नर्स परिषद, डॉ.रोए जॉर्ज, अध्यक्ष प्रशिक्षित नर्स भारती एसोसिएशन, डॉ. एलपेश गांधी, अध्यक्ष एफओजीएसआई, डॉ. एम. प्रकाशाम्मा, संस्थापक सोसाइटी ऑफ मिडवाइफरी ऑफ इंडिया, डॉ. लाईला वर्की, वरिष्ठ सलाहकार डब्ल्यूआरएआई, डॉ. मिशान्त कुमार, डीजीएम, एनएचएम, यूपी सरकार, डॉ. सुरेश चन्द्रा, संयुक्त निदेशक, उत्तर प्रदेश सरकार एवं डॉ. नदीम अख्तर, स्टेट प्रोग्राम मैनेजर जपाइगो ने भाग लिया। वक्ताओं ने भारत में मिडवाइफरी प्रैक्टिशनर को स्वास्थ्य प्रणाली के अन्तर्गत पद ग्रहण करवाने में चुनौतियां और उसके समाधान के बारे में लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.गीता परवंदा प्रधानाचार्य, सुभारती नर्सिंग कॉलेज, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय जो कि मिडवाइफरी ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश की सचिव हैं, ने किया।


 


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