"सिविल इंजीनियरिंग में उभरती प्रौद्योगिकियों" विषय पर पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन

 


लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के घटक संस्थान आईईटी लखनऊ के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में एआईसीटीई द्वारा प्रायोजित अटल संकाय विकास कार्यक्रम के अंतर्गत "सिविल इंजीनियरिंग में उभरती प्रौद्योगिकियों" पर पांच दिवसीय ऑनलाइन व्याख्यान का आज समापन हो गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली (भारत सरकार) के निदेशक प्रोफेसर सतीश चंद्रा ने बताया कि इस एफडीपी का उद्देश सामग्री वितरण को बढ़ाने और शिक्षण प्रक्रिया में बदलाव लाने के लिए तकनीकी कौशल के साथ संकाय को सशक्त बनाना था। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एके शुक्ला ने  देश के चुने हुए उच्च तकनीकी संस्थानों के कुल 14 विशेषज्ञों के द्वारा दिए गए लेक्चर का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में आईआईटी बॉम्बे के रिटायर्ड प्रोफेसर एसएल  ढींगरा  ने सिविल इंजीनियरिंग में अनुसंधान और विकास की भूमिका पर अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के अंत में एफडीपी के समन्वयक प्रोफ़ेसर जेबी श्रीवास्तव ने इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर, मुख्य अतिथि, विभागाध्यक्ष के साथ आईआईटी, एनआईटी तथा देश के अन्य शिक्षण संस्थानों एवं कॉलेजों से भाग ले रहे फैकल्टी सदस्यों को वोट आफ थैंक्स प्रस्तुत किया। प्रोफेसर श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि लेक्चर के दौरान प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर इंटरएक्टिव सत्र में सवालों को पूछा जिनका जवाब विशेषज्ञों ने दिया। कार्यक्रम के दौरान सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सौम्या सिंह, विकास सिंह आदि मौजूद थे।

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