मुख्यमंत्री योगी पर आधारित "राजपथ पर एक सच्चा संन्यासी" पुस्तक का लोकार्पण

 'राजपथ पर एक सच्चा संन्यासी‘ साहित्य सृजन में इतिहास के तत्व रहते है: हृदय नारायण दीक्षित


लखनऊ। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान एवं अनामिका प्रकाशन प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन और व्यक्तित्व पर केन्द्रित पुस्तक ‘राजपथ पर एक सच्चा संन्यासी‘ का लोकार्पण मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सदानन्दप्रसाद गुप्त कार्यकारी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी आदित्यनाथ का जीवन बहुरंगी व्यक्तित्व का है। वे कर्मठ एवं कुशल प्रशासक के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। धर्म हमें कर्तत्व सिखाता है। योगीजी एक धर्मपरायण व्यक्ति है जिसकी छाप पूरे प्रदेश पर पड़ी है। उनका उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश में बदला जाये। वे हमेशा एक बड़े सिद्धान्त व विचारधारा को मानने वाले व्यक्ति है। राजनीति के क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही चली जा रही है। वे साहित्यिक अभिरुचि के व्यक्ति है। न्याय एवं ईमानदारी के पक्षधर हैं। उन्होंने सन्यास धर्म का पालन भी किया है। उनकी छवि एक निर्भीक राजनीतिज्ञ के रूप में जानी जाती है। उनकी कुशल प्रशासनिक व्यवस्था के कारण ही प्रदेश निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

मुख्य अतिथि हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हमारे देश में इतिहास बोध को महत्व दिया जाता है। जो देश इतिहास को महत्व नहीं देता है तो इतिहास उसे कभी माफ नहीं करता है। साहित्य सृजन में इतिहास के तत्व रहते हैं। यह पुस्तक नाथ सम्प्रदाय की सुन्दर जानकारी प्रदान करती है। लेखक ने इस पुस्तक में इतिहास में हस्तक्षेप करते हुए अपनी लेखनी चलायी है। लेखक ने योगीजी के व्यक्तित्व के राष्ट्रवादी, धार्मिक, निर्भीकता, बिरलता का व्यौरेवार चित्रण अपनी पुस्तक में किया है। लेखक ने पूरी पुस्तक में योगीजी के लोक श्रद्धाभाव को अच्छे ढ़ंग से चित्रित किया है। योगीजी लोकतंत्र की धारणा के प्रति पूर्ण श्रद्धावान हैं। लेखक ने अपनी पुस्तक में नाथ सम्प्रदाय पर विशेष जानकारी प्रदान की है।

इस अवसर पर पधारें सभी अतिथियों के प्रति भी हम साधुवाद व्यक्त करते हैं। आपने कोरोना की विषम परिस्थिति में भी यहाँ उपस्थित होकर न केवल हमारा मनोबल बढ़ाया बल्कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने में भी सहयोग दिया। हम विशेष आभारी हैं दिनेश कुमार शुक्ल प्रबंध निदेशक अनामिका प्रकाशन एवं मानस कार्तिकेय के प्रति जिन्होंने यशस्वी मुख्यमंत्री के जीवन और उनके व्यक्तित्व पर केन्द्रित पुस्तक का प्रकाशन किया। श्री दीक्षित ने सभी पत्रकारों, मीडिया कर्मियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आपका सहयोग हमें निरन्तर मिलता रहता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ सदानन्द प्रसाद गुप्त ने कहा कि धर्म का सम्बन्ध कर्तव्य बोध से होता है। इस पुस्तक में लेखक ने इतिहास को बनते हुए देखा है। जो लेखक ने देखा उसे अपनी पुस्तक में रेखांकित भी किया। लेखक ने योगीजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का विस्तार से वर्णन किया है। योग साधना का महत्व नाथ सम्प्रदाय में अधिक रहा है। योगीजी निष्काम कर्म की साधना अपने जीवन में उतार कर प्रदेश के सांस्कृतिक पक्ष को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। पुस्तक महत्वपूर्ण जानकारी से परिपूर्ण है। यह पुस्तक निश्चित रूप से नाथ सम्प्रदाय, योग दर्शन आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करती है। पुस्तक यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन और व्यक्तित्व पर आधारित है साथ ही प्रेरणादायी है।


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