परिवहन निगम: किसी भी रुट से टीआई को हटाना मतलब भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना: एआरएम

लखनऊ। आलमबाग बस टर्मिनल पर कर्मचारी यूनियन के कुछ नेताओं ने सुल्तानपुर और प्रयागराज सहित कुछ रूट से टीआई को हटाने की मांग को लेकर एआरएम चारबाग के ऊपर दबाव बनाने के लिए सुबह लगभग 4 घंटे तक बसों का संचालन रोक दिया। कोविड 19 के लाकडाउन जब से पूर्ण रूप से बसों का संचालन शुरू किया गया है तब से शासन और निगम के उच्चाधिकारियों द्वारा कम से कम 50 प्रतिशत सवारियों के साथ बसों को चलाने का नियम बनाया गया। साथ ही 20 प्रतिशत से कम सवारी लेकर चलने पर पेनाल्टी का भी प्राविधान किया गया। 

इसी के तहत रास्ते में चेक करने के दौरान टीआई द्वारा कुछ बसों का चालान भी किया गया। हालांकि एक दिन पहले ही अयोध्या परिक्षेत्र में टीआई द्वारा चेक करने पर 25 यात्रियों में से 21 यात्री बे टिकट पाए गए जिसपर बस चालान करते हुए परिचालक पर जुर्माना लगाया गया। टीआई द्वारा परिचालकों का चालान करने पर यूनियन के कुछ प्रतिनिधि नाराज होकर एआरएम पर दबाव बनाने लगे। उनकी मांग को चारबाग के एआरएम अमरनाथ सहाय ने खारिज कर दिया।

अमरनाथ सहाय ने कहा कि यदि टीआई रुट पर चेकिंग नहीं करेंगे तो भ्रष्टाचार बढ़ेगा। परिचालक कुछ सवारियों का टिकट बनाएंगे और कुछ को बिना टिकट बनाए यात्रा कराएंगे जिससे राजस्व की हानि होगी। ऐसा वाकया एक दिन पहले ही अयोध्या परिक्षेत्र में देखने को मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि टीआई द्वारा किसी निर्दोष परिचालक के साथ दुर्व्यवहार किया जाएगा तो लिखित रूप से शिकायत करने पर टीआई के ऊपर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी रुट से टीआई को हटाने का मतलब भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है जो कत्तई सम्भव नहीं है। निगम के हित में इस तरह का दबाव बनाना संगठन के नेताओं को नहीं बनाना चाहिए जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता हो।


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