विश्वविद्यालय की गुणवत्ता का स्तर का अंदाजा उसके शोध एवं नवाचारों से होता है

लखनऊ । किसी भी विवि में शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर का अंदाजा उसके शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा किये जा रहे शोध एवं नवाचारों के कार्यों एवंविवि में हो रहे शोध कार्यों की गुणवत्ता केस्तर का अंदाजा प्रकाशित हो रहे शोध पत्रों के जर्नल्स पर निर्भर करता है। पूरी दुनिया में स्कोपस, एससीआई एवं आईईईई जर्नल्स को गुणवत्तापूर्ण शोध प्रकाशन के लिए जाना जाता है।

महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, लखनऊ के शिक्षकों एवं शोधार्थियों की शोध अभिरुचि विगत कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी हैद्य विवि के शिक्षकों द्वारा 31 शोध पत्र स्कोपस जर्नल्स में प्रकाशित किये गये हैंद्य  साथ ही 5 पुस्तकें प्रतिष्ठित प्रकाशन में प्रकाशित की गयी हैं। 

विवि के कुलपति प्रो बीपी सिंह ने बताया कि विवि के द्वारा विवि के शिक्षकों एवं शोधार्थियों की शोध अभिरुचि को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाओं का सफल संचालन किया जा रहा है।  उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों के लिए संसाधन एवं अनुदान दोनों ही महत्वपूर्ण हैंद्य उन्होंने कहा कि विवि द्वारा विवि परिसर में आधुनिक प्रयोग शालाओं की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण शोध कार्याे के लिए शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को प्रस्ताव के आधार पर अनुदान भी प्रदान करने के प्रावधान किये गये हैं।  उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि गुणवत्तापरक शोध कार्यों में तेजी से बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है।

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