विधानसभा के बजट सत्र में पक्ष एवं विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप के दौरान बजट पास किया गया

  • उत्तर प्रदेश में विधायक निधि को 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ किया गया 


अखिलेश पाण्डेय

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पक्ष एवं विपक्ष द्वारा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के बीच आज विधानसभा में 6.15 लाख करोड़ का बजट पास किया गया। इस मौके पर सभी दलीय नेताओं ने अपने अपने विचार रखे। आज विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा सोमवार को दिए गये भाषण का जवाब देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को शायद यह जानकारी ही नही है कि आज गोबर से अगरबत्ती, धूपबत्ती भी बनती है। वो अगर पूजा करते तो जरूर जलाते। नेता प्रतिपक्ष अगर गोसेवा करते होते तो भाषण में भी दिखाई देता, लेकिन शायद भैंस वाले दूध का असर भाषण पर ज्यादा दिखाई दिया। गाय का कम दिखाई दे रहा है।

नेता सदन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने एक बात कही थी कि उन्होंने अपने समय में एक स्कूल का दौरा किया था। बच्चों से पूछा मैं कौन हूं, तो बच्चे ने कहा राहुल गांधी। योगी ने कहा कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं। उसने सोच समझकर ही कहा होगा। फर्क बहुत ज्यादा नहीं है। इतना है कि राहुल गांधी देश के बाहर देश की बुराई करते है और आप यूपी के बाहर यूपी की बुराई करते हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ऐसे मुद्दों पर भाषण दिए जिसका बजट से कोई लेना देना नहीं था। ऐसी बातें बोल रहे थे जिसका खामियाजा प्रदेश अतीत में भुगत चुका है। योगी ने दुष्यंत कुमार की पंक्तिया पढ़ते हुए कहा कि ‘‘कैसे मंजर सामने आने लगे हैं और गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं‘‘। नेता सदन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष भाषण में एक तरफ किसान की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ गोबर में उन्हें बदबू आती है। यूपी के लोगों के सामूहिक प्रयास से। उत्तर प्रदेश के बारे में दुनिया में लोगों का विश्वास बढ़ा है।

योगी ने कहा कि मजबूत इरादों के दम पर कोरोना को भी उत्तर प्रदेश से भागना पड़ा। पिछली सरकारें परिणाम नहीं दे पाईं। फर्क साफ है। आप समस्या के बारे में सोचते हैं। हम समाधान के बारे में सोचते हैं। समस्या के बारे में दस बहाने मिल जाते हैं। समाधान में दस रास्ते मिल जाते हैं। ये बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। उत्तर प्रदेश का पहला बजट 1947 में जब आया तो वो कुल 103 करोड़ का था। उस समय प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय 259 रुपए थी। प्रदेश की जीडीपी 1,628 करोड़ थी। 

अखिलेश यादव ने सोमवार को बजट पर विधानसभा में बोलते हुए कहा कि यह बजट नहीं बंटवारा है। भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र और बजट में कोई मेल नहीं है। न किसानों की आमदनी दोगुनी हुई और न गरीबों को 2022 तक घर मिले।

विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने कभी ढिंढोरा पीटकर यह नहीं कहा कि हमने मेट्रो चलवा दी। स्मार्ट सिटी बना दी। जनता जानती है कि कौन निवेश ला रहा है, राशन कौन दे रहा है। इसीलिए 37 सालों बाद कोई सरकार वापस आई है। पिछली सरकारें जन-आकांक्षाओं को पूरा क्यों नहीं कर पा रही थीं। इस बारे में सोचना चाहिए।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही