एक एकड़ में 81 फीट ऊंचे मंदिर के साथ होगा मां उर्मिला वृद्धाश्रम का निर्माण

  •  लखनऊ में बनेगा भव्य लक्ष्मण मंदिर, गोहनाकला जानकीपुरम विस्तार में 12 मई को होगा भूमि पूजन

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली में दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो अब रामानुज लखनलाल के बसाये इस नगर लखनऊ में भी भव्य श्रीलक्ष्मण मंदिर का निर्माण होगा। मंदिर निर्माण के लिए गुरुवार 12 मई को चयनित मंदिर स्थल पर प्रख्यात संतों की उपस्थिति में भूमि पूजन अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा, जहां मधुर स्तुतियों के संग मृदंग की स्वर दसों दिशाओं में गूंजेंगे।

श्रीलक्ष्मण मंदिर का निर्माण कराने की जिम्मेदारी सम्भालने वाले श्रीलक्ष्मण पीठ सेवा न्यास के अध्यक्ष व रामकथा प्रवक्ता पण्डित धीरेन्द्र वशिष्ठजी महाराज ने यहां बीरबल साहनी मार्ग पंचमुखी हनुमान मंदिर गोमती तट पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि बहुप्रतीक्षित श्रीलक्ष्मण मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन अनुष्ठान बृहस्पतिवार को होगा। श्रीलक्ष्मण मंदिर के लिए जानकीपुरम विस्तार शुक्ला चौराहा के निकट गोहनाकला में स्थल चुना गया है। एक एकड़ क्षेत्र में बनने वाले विशाल श्रीलक्ष्मण मंदिर की ऊंचाई 81 फीट होगी। इसका निमार्ण पांच वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंदिर की डिजाइन और नक्शा वास्तुकार द्वय मीनाक्षी तिवारी व सुनील श्रीवास्तव द्वारा तैयार किया गया है और उसे भव्य बनाने के लिए निरंतर सुधार कार्य चल रहा है। मंदिर में मुख्य रूप से श्रीलक्ष्मण उर्मिलाजी के साथ शिव परिवार और श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। मंदिर परिसर की विशेष बात यह होगी कि सेवा न्यास यहां माता उर्मिला के नाम पर 45 कक्षों का एक वृद्धाश्रम भी बनवा रहा है।

पद्मविभूषण जगत गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्यजी महाराज के दीक्षा प्राप्त शिष्य धीरेन्द्र वशिष्ठजी ने बताया कि अपने गुरु की इच्छापूर्ति के लिए वह 2017 से निरन्तर लखनऊ में श्रीलक्ष्मण मंदिर के निर्माण के लिए कृतसंकल्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। गुरु कृपा से सेवा न्यास का गठन सन् 2020 में सम्पन्न हुआ और पूरे देश में भिक्षाटन करके पिछले वर्ष ही श्रीलक्ष्मण मंदिर बनाने के लिए भूमि खरीदी गयी। अब भूमि पूजन अनुष्ठान कर मंदिर निर्माण प्रारम्भ किया जायेगा। 

भूमि पूजन के दिन 12 मई को सुबह आठ बजे से दोपहर बाद एक बजे तक वैदिक आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रों के पाठ होगा। संत दर्शन आर्शीवचन और अतिथियों का सम्बोधन शाम चार बजे तक होगा। शाम पांच बजे स्वामी पागलदास के शिष्य मृदगाचार्य पण्डित डॉ राज खुशीराम पखावज वादन करेंगे। इसी के साथ कुशल गायक किशोर चतुर्वेदी की भजन संध्या का आयोजन भी यहां किया गया है। इससे पहले यहां आरड़ी पैलेस में अपराह्न दो बजे से भण्डारे का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर संतों के साथ डॉ नलिनकांत त्रिपाठी पूर्व न्यायाधीश विद्यासागर विश्वकर्मा व रामाधार सिंह, शशिकांत श्रीवास्तव, पद्मश्री विद्याविंदु सिंह, डॉ ऊषा बाजपेयी, प्रेम नारायण मेहरोत्रा व अन्य न्यासी और गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित रहेंगे।

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