चौधरी चरण सिंह की पुन्य तिथि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि अर्पित की

अखिलेश पाण्डेय, वरिष्ठ संवाददाता

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुन्य तिथि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानभवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सहित अन्य लोगों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता एवं पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। उन्होंने कहा कि चौधरी जी ने देश किसानों के उत्थान के लिए तमाम योजनाएं बनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एमएसपी के माध्यम से आज किसानों को उनकी फसलों का वास्तविक मुल्य प्राप्त हो रहा है। किसानों के उत्थान के लिए प्रति वर्ष 6 हजार रुपया किसान सम्मान निधि दी जा रही है। किसानों के लिए ऐसी अन्य योजनाएं चलाई गई है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिल सके।

चौधरी चरण सिंह का जीवन बहुत संघर्षमय रहा। उनका राजनीतिक जीवन कांग्रेस के लौहर अधिवेशन से शुरू हुआ था। अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था, जिससे प्रभावित होकर युवा चौधरी चरण सिंह राजनीति में सक्रिय हो गए। उन्होंने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन किया। 1930 में जब महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का आह्वान किया तो उन्होंने हिंडन नदी पर नमक बनाकर उनका साथ दिया। जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

चौधरी चरण सिंह किसानों के नेता माने जाते रहे। उनके द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। एक जुलाई 1952 को यूपी में उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने लेखापाल के पद का सृजन भी किया। किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया। वो 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 17 अप्रैल 1968 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। मध्यावधि चुनाव में उन्होंने अच्छी सफलता मिली और दुबारा 17 फ़रवरी 1970 के वे मुख्यमंत्री बने। उसके बाद वो केन्द्र सरकार में गृहमंत्री बने तो उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की। 1979 में वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक "नाबार्ड" की स्थापना की। 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।



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