भाषा विश्वविद्यालय और बांग्लादेश सरकार के मध्य जल्द होगा करार

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनबी सिंह ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद इमरान से लखनऊ में मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में दोनों ने मुख्य रूप से राज्य एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण, अनुवाद और प्रचार के क्षेत्र में मिलकर काम करने का प्रस्ताव रखा। 

बांग्लादेश के इतिहास की चर्चा करते हुए उच्चायुक्त मोहम्मद इमरान ने बताया कि बांग्लादेश की स्थापना भाषा क्रांति का ही परिणाम है। प्रो सिंह ने बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू स्थापित कर निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य करने का प्रस्ताव रखाः

  1. भाषा अध्ययन में सहयोग

  • सहयोगात्मक अनुसंधान (मानविकी, संस्कृति, इतिहास, भाषा, साहित्य, प्रबंधन और जन संचार)
  • संयुक्त सहयोगी परियोजनाएं (आपसी विकास, भाषा अध्ययन और सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का समाधान)।
  • ज्ञान का आदान प्रदान
  • भाषा अनुवाद में डिप्लोमा और सर्टिफ़िकेट पाठ्यक्रम

  1. सांस्कृतिक सहयोग

  • भारत-बांग्लादेश अध्ययन के लिए शोध पीठ की स्थापना
  • क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं के अध्ययन और अनुवाद के लिए बहुभाषी केंद्र की स्थापना
  • दोनों देशों की संस्कृति के अध्ययन और लोक गीतों के संग्रह पर संयुक्त परियोजनाएं

  1. अनुसंधान और विकास

  • पीजी, एम.फिल. और पीएच.डी. छात्रों का संयुक्त पर्यवेक्षण
  • संसाधन साझा करना (किताबें, ई-किताबें, दुर्लभ पुस्तकें और डिजिटल तकनीक)
  • विशेष व्याख्यान श्रृंखला
  • संयुक्त ऑनलाइन वेबिनार, सम्मेलन, संगोष्ठी और कार्यशाला

  1. शिक्षा

  • फैकल्टी और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम
  • मूल्य वर्धित कार्यक्रम (भाषाएं और अंतर-सांस्कृतिक संचार)

  1.  उद्यमिता और नवाचार

  • सहयोगात्मक उद्यमिता प्रकोष्ठ (क्रॉस कंट्री हस्तशिल्प का प्रशिक्षण और बिक्री)
  • दोनों विश्वविद्यालयों में बंधुत्व इनक्यूबेशन सेंटर का निर्माण (नवोन्मेषी विचारों वाले और ढाका या लखनऊ में काम करने के इच्छुक छात्रों को स्टार्टअप्स की सुविधाएं।

बैठक के अंत में मोहम्मद इमरान ने कहा कि वह जल्द ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों को बांग्लादेश के दौरे पर बुलाएँगे एवं वहाँ के शिक्षकों को यहाँ के विश्वविद्यालय के साथ कार्ययोजना स्थापित करने के लिए भेजेंगे।

बैठक में बांग्लादेश उच्चायोग के राजनीतिक सलाहकार मोहम्मद शफ़ीउल आलम एवं विश्वविद्यालय की ओर से प्रो मसूद आलम प्रो चन्दना डे, प्रो एहतेशाम अहमद एवं डॉ तनु डंग उपस्थित रहे।


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