नई शिक्षा नीति का उद्देश्य अपनी संस्कृति के गौरव को पुनर्जीवित करना है: डॉ एम शहीर सिद्दीकी

भाषा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर कार्यशाला का दूसरा दिन

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। केएमसी भाषा विश्विद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग एवं एचआरडीसी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के डॉ एम शहीर सिद्दीकी ने ‘लेगेसी ऑफ डाईलॉग’ पर अपना व्याखान प्रस्तुत करते हुए वेदों और उपनिषद के कई उदाहरणों की चर्चा की। 

डॉ सिद्दीकी ने डायलॉग के संदर्भ में बात करते हुए उन्होंने श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता के उपदेश से लेकर शेक्सपीयर के नाटकों में प्रयोग किये गए डायलॉग को विस्तृत रूप से बताया। नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य अपनी संस्कृति के गौरव को पुनर्जीवित करना है।

दूसरे वक्ता के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के डॉ फैसल अनवर ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत दिए गए चार वर्षीए स्नातक कोर्स का आज के समय में बहुत महत्व है। साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में सकिल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए शिक्षण संस्थानों को व्यावसायिक शिक्षा के कार्यक्रमों को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल करना चाहिए जिससे विद्यार्थी समाज में व्यावसायिक ज्ञान के साथ समाज और देश का उत्थान करें।

तीसरे वक्ता के रूप में डॉ शकीला टी शमसू ने कहा की नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षकों एवं छात्रों को आगे बढ़ने के अनगिनत नए अवसर मिलेगें जिसके द्वारा वह विश्व में चल रही शिक्षा क्रांति का हिस्सा बन सकेंगे। कार्यशाला के समापन सत्र में समन्वयक प्रो. सैयद हैदर अली ने सभी वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं शिक्षा पद्धति में बदलाव लाने के लिए आवश्यक है तथा भविष्य में भी इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।


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